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Health Budget: जानिए पिछले 5 वर्षों में हेल्थ सेक्‍टर के लिए कितना लुभावना रहा बजट

इस बार का बजट कई मायनों में ख़ास होने वाला है। सरकार का ध्यान हेल्थ पर अधिक रहेगा, क्योंकि अभी भी कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरिएंट मिलते रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि पिछला 5 साल हेल्थ बजट के लिहाज़ से कैसा रहा है?

Last 5 years of Health Budget- India TV Paisa Image Source : CANVA पिछले 5 वर्षों का हेल्थ बजट

Health Budget: 1 फरवरी 2023 को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। वह उस दिन देश की पहली ऐसी महिला वित्त मंत्री हो जाएंगी, जिन्होंने भारत का बजट 5 बार देश की संसद में पेश किया हो। पिछले दो साल से सरकार बजट में हेल्थ सेक्टर पर ख़ास ध्यान दे रही है। कोरोनावायरस का प्रकोप अभी भी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है। ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि सरकार बेहतर योजनाएँ पेश करेगी। पिछले पाँच साल में हेल्थ को लेकर सरकार के तरफ से किए जा रहे खर्च में लगातार बदलाव देखने को मिला है। आइए एक बार नजर डालते हैं।

2021-22 की तुलना में 2022-23 में खर्च बढ़ा

निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) को 86,200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो 2021-22 में 73,931 करोड़ रुपये से 16 प्रतिशत अधिक है, साथ ही सरकार ने नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम की भी घोषणा की और नेशनल डिजिटल के लिए एक ओपन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी।

जब कोरोनावायरस ने मारी थी एंट्री

जब भारत सरकार 1 फरवरी 2020 को देश का आम बजट पेश कर रही थी, तब भारत में कोरोनावायरस के पहले मामले उसके तीन दिन पहले सामने आए थे। 27 जनवरी 2020 को केरल में एक 20 वर्षीय महिला में कोरोना के लक्षण दिखे थे। तब यानि 2020-21 में हेल्थ मंत्रालय को केंद्र के तरफ़ से बजट में 67,112 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। वहीं हम अगर 2019-20 में हेल्थ सेक्टर के लिए तय किए गए बजट की बात करें तो सरकार के तरफ़ से 63,538 करोड़ रुपये दिए गए। यह रकम उसके पिछले साल से अधिक थी। सरकार ने 2018-19 के बजट में 55,949 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई थी।

इस बार के बजट में 20% बढ़ोतरी का अनुमान

विशेषज्ञों की माने तो सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय में बीमा, टीके, टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) सहित विभिन्न क्षेत्रों से निपटने के लिए पिछले बजट की तुलना में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है। बता दें, 2017 की नेशनल हेल्थ पॉलिसी ने स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5% खर्च करने का टार्गेट 2025 तक हासिल किया जाना है। 2014-20 की अवधि में यह 1.2% से 1.4% के बीच में लटका रहा। कोविड महामारी ने इसे 2020-21 में 1.8% और 2021-22 के लिए 2.1% तक बढ़ने में मदद की है। अब देखना होगा, सरकार इस बार टार्गेट को पूरा कर पाती है या फिर उसे अगले बजट के लिए टाल देती है।

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