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Hindi News पैसा बिज़नेस विवादों में रहने से भारत की इकोनॉमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले साइरस मिस्त्री को कितना जानते हैं आप?

विवादों में रहने से भारत की इकोनॉमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले साइरस मिस्त्री को कितना जानते हैं आप?

Former Tata Group chairman Cyrus Mistry Dies: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की आज मुंबई के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। साइरस मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। इस दौरान उनकी कार डिवाइडर से जा टकराई।

साइरस मिस्त्री को...- India TV Paisa Image Source : PTI साइरस मिस्त्री को कितना जानते हैं आप?

Former Tata Group chairman Cyrus Mistry Dies: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की आज मुंबई के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। साइरस मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। इस दौरान उनकी कार डिवाइडर से जा टकराई। बता दें, साइरस मिस्त्री का जन्म आयरलैंड में हुआ था। उनकी फैमली आयरलैंड की सबसे रईस भारतीय परिवार में गिनी जाती है। उनका भारतीय इकोनॉमी में महत्वपूर्ण योगदान रहा। वह टाटा ग्रुप के साथ विवादों में भी आए। आज हम उनके विवादों में रहने से लेकर शानदार बिजनेसमैन बनने की डिटेल स्टोरी जानेंगे। 

क्या था टाटा-साइरस का विवाद?

मिस्‍त्री ने 2012 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था, लेकिन बोर्ड सदस्‍यों के साथ मनमुटाव होने के बाद 24 अक्‍टूबर 2016 को पद छोड़ना पड़ा था। बता दें, दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने 24 अक्टूबर 2016 को हुई टाटा बोर्ड की बैठक की कार्रवाई को अवैध ठहराया था। इसी बोर्ड मीटिंग में साइरस मिस्त्री को पद से हटाने का फैसला लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के इस आादेश को रद्द करते हुये कहा था कि साइरब मिस्त्री को पद से हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह कानून सम्मत है। सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले का पुनर्विचार करने की गुहार लगाते हुए साइरस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिग इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने याचिका दायर की थी।

जब रतन टाटा ने साइरस पर लगाए आरोप

टाटा संस के पूर्व प्रमुख रतन टाटा ने आरोप लगाया कि टाटा संस के चेयरमैन बनने के बाद भी हितों के टकराव की वजह से मिस्त्री अपने को परिवार के व्यवसाय से अलग नहीं करना चाहते थे। टाटा संस द्वारा एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देने के एक दिन बाद टाटा संस के पूर्व प्रमुख सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। रतन टाटा ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति के लिए मिस्त्री के लिए उनके पारिवारिक व्यवसाय शापूरजी पालोनजी ग्रुप से अलग होना पूर्व शर्त थी।

साइरस के खिलाफ दायर की गई थी याचिका

याचिका में कहा गया था कि विभिन्न मोर्चो पर साइरस मिस्त्री, टाटा संस के चेयरमैन होने के बाद भी अपने पारिवारिक व्यवसाय से अलग होने को लेकर अनिच्छुक दिख रहे थे, जो उनके टाटा संस के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति की एक पूर्व शर्त थी।" मिस्त्री के नेतृत्व में विभिन्न मोर्चो पर कमी थी और उनको हटाने के पहले उनके व टाटा ट्रस्ट के बीच संबंध प्रतिकूल हो गए थे। टाटा ने यह भी कहा था कि टाटा ट्रस्ट ने दृढ़ता से महसूस किया कि मिस्त्री भविष्य में टाटा संस को मजबूत नेतृत्व प्रदान नहीं कर सकते।

उच्चतम न्यायालय ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के आदेश पर 10 जनवरी 2020 को रोक लगा दी थी। मूख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती देने वाली टाटा संस की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी।

कौन थे साइरस मिस्त्री?

साइरस पल्लोनजी मिस्त्री 4 जुलाई 1968 में उनका जन्म हुआ था। साइरस मिस्त्री आयरलैंड में पैदा हुए थे। उन्होनें बिजनेस की पढ़ाई लंदन से की थी। वह शापूरजी पालोनजी के सबसे छोटे बेटे थे। उनका परिवायर आयरलैंड के सबसे अमीर परिवार की सूची में गिना जाता है। 1991 में उन्होनें अपने करियर की शुरुआत अपने पिता की कंपनी में की थी, जिसका नाम शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी है। 1994 में उन्हें शापूरजी पालोनजी समूह का निदेशक नियुक्त किया गया था। उनकी देखरेख में कंपनी की खुब तरक्की हुई।

कई क्षेत्रों में फैला है व्यापार

कंपनी मरीन, तेल गैस और रेलवे के क्षेत्र में बिजनेस करती है। दस से अधिक देशों में कंस्ट्रक्शन का काम फैला हुआ है। साइरस की कंपनी ने भारत में एक से बड़े एक रिकॉर्ड बनाए हैं। जिसमें सबसे उंचे रिहाइशी टॉवर का निर्माण, लंबे रेल पुल का बनाने से लेकर बड़े बंदरगाह शामिल है। 

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