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भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्ते को करेंगे और मजबूत, दोनों देशों ने इन मुद्दों पर की चर्चा

सामाजिक सुरक्षा समझौता, देश की लंबे समय से लंबित मांग है। यह अमेरिका में भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी। इससे मेजबान देश और उस देश, जहां कर्मचारी काम करता है, दोनों में दोहरी सामाजिक सुरक्षा कटौती समाप्त हो जाएगी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल- India TV Paisa Image Source : PTI वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल

भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्ते को और मजबूत करेंगे। इसके लिए भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को यहां व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक के दौरान व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की। टीपीएफ की 14वीं बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन तेई ने की। गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है, “सार्थक विचार-विमर्श के बीच दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका की बढ़ती साझेदारी को और गति देने के लिए व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।” 

अमेरिका के साथ कई मुद्दे पर चर्चा

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा था कि “भारत टीपीएफ बैठक के दौरान अमेरिका के साथ कई मुद्दे उठाएगा। इनमें सामाजिक सुरक्षा समझौता, और अमेरिका में आम और औषधि जैसे उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच सुनिश्चित करना शामिल हैं। भारत ने वीजा में देरी से संबंधित मुद्दों को उठाने की भी योजना बनाई है। इनमें अंगूर, कृषि सामान और जंगल में पकड़ी गई मछली और झींगा जैसे समुद्री उत्पादों का निर्यात बढ़ाना, भारत को सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (जीएसपी) का दर्जा बहाल करना और उच्च तकनीक उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के लिए निर्यात नियंत्रण नियम आदि शामिल हैं। 

पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी

सामाजिक सुरक्षा समझौता, देश की लंबे समय से लंबित मांग है। यह अमेरिका में भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी। इससे मेजबान देश और उस देश, जहां कर्मचारी काम करता है, दोनों में दोहरी सामाजिक सुरक्षा कटौती समाप्त हो जाएगी। इससे कई भारतीयों, खासकर आईटी क्षेत्र से, जो अमेरिका में काम कर रहे हैं और सामाजिक सुरक्षा का भुगतान कर रहे हैं लेकिन इसका कोई लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उन्हें लाभ होगा। भारत अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक यूएसएफडीए निरीक्षण या घरेलू दवा कंपनियों के ऑडिट पर भी तेजी से नजर रखने की मांग कर रहा है। 

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