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Hindi News पैसा बिज़नेस विदेशी मुद्रा भंडार में भारत ने लगाई छलांग, सात दिनों में 9.11 अरब डॉलर बढ़ा, जानें टोटल फिगर

विदेशी मुद्रा भंडार में भारत ने लगाई छलांग, सात दिनों में 9.11 अरब डॉलर बढ़ा, जानें टोटल फिगर

15 दिसंबर से पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 अरब डॉलर बढ़कर 606.85 अरब डॉलर पर था। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

आईएमएफ के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 18.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.02 अरब डॉलर हो गय।- India TV Paisa Image Source : FILE आईएमएफ के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 18.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.02 अरब डॉलर हो गय।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी का सिलसिला जारी है। 15 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार  9.11 अरब डॉलर बढ़कर 615.97 अरब डॉलर हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भाषा की खबर के मुताबिक, 15 दिसंबर से पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 अरब डॉलर बढ़कर 606.85 अरब डॉलर पर था।

अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर पहुंच गया था

खबर के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई ने कहा कि पिछले साल से दुनियाभर के घटनाक्रमों के चलते दबाव के बीच हमने रुपये की विनिमय दर बनाए रखने के लिए मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया। इससे मुद्रा भंडार प्रभावित हुआ। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों में कहा गया है कि 15 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 8.34 अरब डॉलर बढ़कर 545.04 अरब डॉलर हो गईं।

विदेशी मुद्रा आस्तियों में ये मुद्राएं हैं शामिल

डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है। आरबीआई के मुताबिक, स्वर्ण भंडार का मूल्य 44.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 47.577 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 13.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.323 अरब डॉलर रह गया।  आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 18.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.02 अरब डॉलर हो गया।

विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश को जरूरत पड़ने पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। इसके बढ़ने से सरकार और आरबीआई को आर्थिक ग्रोथ में गिरावट के चलते पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में मदद मिलती है। यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।

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