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Hindi News पैसा बिज़नेस फ्रांस, सिंगापुर और मॉरिशस के बाद अबू धाबी में लॉन्च हुआ UPI रुपे कार्ड, आसानी से हो पाएगा रुपयों का लेनदेन

फ्रांस, सिंगापुर और मॉरिशस के बाद अबू धाबी में लॉन्च हुआ UPI रुपे कार्ड, आसानी से हो पाएगा रुपयों का लेनदेन

पीएम मोदी और UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंगलवार को यूपीआई रुपे कार्ड सेवा शुरू की। राष्ट्रपति नाहयान ने अबू धाबी में सेवा की शुरुआत करते हुए अपने नाम से उभरा हुआ एक कार्ड ‘स्वाइप’ किया।

यूएई में रुपे कार्ड- India TV Paisa Image Source : FILE यूएई में रुपे कार्ड

भारत के यूपीआई (UPI) का विदेशों में भी बोलबाला है। अब तक 7 देशों में यूपीआई सेवा लॉन्च की जा चुकी है। इनमें फ्रांस, सिंगापुर, मॉरिशस, श्रीलंका, भूटान और UAE शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंगलवार को यहां यूपीआई रुपे कार्ड सेवा शुरू की। राष्ट्रपति नाहयान ने अबू धाबी में सेवा की शुरुआत करते हुए अपने नाम से उभरा हुआ एक कार्ड ‘स्वाइप’ किया। मोदी ने राष्ट्रपति नाहयान से कहा, ''हम मेरे यूपीआई रुपे कार्ड और आपके जयवान कार्ड की पेशकश के साथ एक नए फिनटेक युग की शुरुआत कर रहे हैं।'' उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया।

हुए कई द्विपक्षीय समझौते

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस मौके पर दोनों नेता कई द्विपक्षीय समझौतों के गवाह भी बने। इसमें तत्काल भुगतान प्लेटफॉर्म्स यूपीआई (भारत) और एएनआई (यूएई) को जोड़ने पर एक समझौता शामिल है। इससे दोनों देशों के लोगों को बिना बाधा सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी। घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्डों को आपस में जोड़ने वाले एक और समझौते पर रुपे (भारत) के साथ जयवान (यूएई) के बीच हस्ताक्षर हुए। इससे यूएई में रुपे की स्वीकृति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

निवेश को बढ़ावा देने के लिए हुआ समझौता

भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने दोनों देशों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मौजूदगी में बीआईटी पर हस्ताक्षर किए गए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूएई के साथ बीआईटी पर हस्ताक्षर करने और उसकी पुष्टि के लिए अपनी मंजूरी दी थी। बीआईटी का उद्देश्य निवेशकों, खासकर बड़े निवेशकों का भरोसा बढ़ाना है, जिससे विदेशी निवेश और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अवसर बढ़ेंगे। इसका रोजगार सृजन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में पहले कहा गया था कि भारत में निवेश बढ़ाने के अलावा बीआईटी घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने, आयात निर्भरता कम करने और निर्यात बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य साकार करने में भी मदद कर सकता है।

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