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Hindi News पैसा बिज़नेस पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से सुलझेंगे WTO में चल रहे विवाद, दोनों देशों के बीच हो सकती है अहम बातचीत

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से सुलझेंगे WTO में चल रहे विवाद, दोनों देशों के बीच हो सकती है अहम बातचीत

मोदी और बाइडन द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े विषयों पर चर्चा कर सकते हैं और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में विवादित मसलों का आपसी रजामंदी से समाधान करने पर भी बात हो सकती है

भारत अमेरिका की दोस्ती की राह में रोड़ा हैं WTO के 6 विवाद- India TV Paisa Image Source : AP भारत अमेरिका की दोस्ती की राह में रोड़ा हैं WTO के 6 विवाद

PM Modi Visit to America: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। PM Modi की इस विजिट को भारत अमेरिका संबंध में नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि क्वाड जैसे सामरिक मंचों पर एक साथ आए भारत और अमेरिका अभी भी कारोबार के मोर्चे पर आमने सामने हैं। बीते कुछ वर्षों में भारत द्वारा निर्यातकों को दी जा रही सहूलियतों और कपास किसानों को सब्सिडी जैसे मुद्दों पर अमेरिका भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) में घसीट चुका है। 

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। वित्त वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच 128.78 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापर हुआ था। भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मुलाकात में इन कारोबारी विवादों के भी निपटारे पर बातचीत होगी। 

6 विवादों पर बातचीत कर रहे हैं भारत अमेरिका 

भारत और अमेरिका छह व्यापारिक विवादों को विश्व व्यापार संगठन (WTO) की व्यवस्था से अलग द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं और इसके सकारात्मक नतीजे आने की उम्मीद है। विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के अनुसार, विवाद से संबंधित दोनों देश मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से और पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों पर हल कर सकते हैं और बाद में जिनेवा स्थित बहुपक्षीय संगठन को इसके नतीजों से अवगत करा सकते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार विवादों में भारत के कुछ निर्यात-सब्सिडी उपायों के खिलाफ अमेरिकी शिकायतें शामिल हैं। 

2019 में भारत के खिलाफ आया था फैसला 

2019 में, एक WTO विवाद पैनल ने फैसला सुनाया था कि भारत के निर्यात उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के साथ असंगत हैं। इसके बाद भारत को MEIS योजना बंद करनी पड़ी और इसकी जगह उसने निर्यातकों को केवल सब्सिडी नहीं बल्कि समर्थन देने के लिए नई योजना शुरू की। एक अन्य विवाद अमेरिका द्वारा कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर सीमा शुल्क लगाने से संबंधित है। 2018 में भारत ने इन शुल्कों के खिलाफ जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ से संपर्क किया था। WTO ने अपने आदेश में कहा था कि भारत से निर्यात को बढ़ावा देने वाली कुछ योजनाएं जैसे मर्केंडाइज एक्सपोर्टस फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS), EOU, EPCG, SEZ और DFIS उसके नियमों के खिलाफ हैं। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भी अमेरिका ने भारत के इस्पात और एल्युमीनियम पर 2018 में अतिरिक्त आयात शुल्क लगा दिया था। जो कि अभी भी जारी है।

कई मुद्दों पर समाधान की उम्मीद

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने जनवरी में कहा था, ‘विवाद उन क्षेत्रों में हैं, जहां दोनों पक्षों को कुछ नुकसान और कुछ फायदे हुए हैं। हमने अपने अधिकारियों को शिद्दत के साथ काम करने को कहा है। अगले दो-तीन महीनों में हम डब्ल्यूटीओ में कुछ विवाद द्विपक्षीय तरीके से निपटाने की कोशिश करेंगे।’

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