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Indian Economy के लिए बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया डिजिटलीकरण: आईएमएफ

आईएमएफ का मानना है कि डिजिटलीकरण के चलते ही भारत सरकार बहुत से ऐसे काम कर पाई है जो इसके बिना बहत ही कठिन होते।

IMF- India TV Paisa Image Source : AP IMF

Highlights

  • भारत जैसे दशों में बड़ी संख्या में लोग लंबे समय तक बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़े थे
  • अब डिजिटल वॉलेट तक पहुंच होने से वे लेनदेन में सक्षम हो पाए हैं
  • भारत ऐसे वक्त में तेजी से ग्रोथ कर रहा है, जब दुनिया मंदी के आसन्न संकट का सामना कर रही

Indian Economy के लिए डिजिटलीकरण बड़ा बदलाव लेकर आया है। यह कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस का, जिन्होंने भारत के डिजिटलीकरण के प्रयासों की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि यह कदम बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला रहा है क्योंकि इससे भारत की सरकार के लिए ऐसे काम करना संभव हुआ है जो अन्यथा बेहद कठिन होते। गोरिंचेस ने भारत के डिजिटलीकरण के प्रयासों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘डिजिटलीकरण कई पहलुओं में मददगार रहा है। पहला है वित्तीय समावेश क्योंकि भारत जैसे दशों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़े हैं।

वॉलेट से लेनदेन करना आसान हुआ

अब डिजिटल वॉलेट तक पहुंच होने से वे लेनदेन में सक्षम हो पाए हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इससे (डिजिटलीकरण से) (भारत) सरकार बहुत से ऐसे काम कर पाई जो अन्यथा बेहद कठिन होते। हां, इससे बहुत बड़े बदलाव आए हैं। यह निश्चित ही स्वागतयोग्य है। लोगों को अधिक आधुनिक अर्थव्यवस्था में लाने के लिहाज से भी यह एक बड़ा मददगार है। यह वृद्धि का कारक है और डिजिटल व्यवस्था में प्रवेश होने से बाजार भी बदल जाते हैं।’’ आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण बात मेरे खयाल से यह है कि इन डिजिटल पहलों से सरकार पहुंच बना पाईं और वितरण प्रणाली को लोगों तक पहुंचा सकी जो परंपरागत तरीकों से काफी मुश्किल होता।’’

दुनिया की मंदी के बीच भारत तेजी से ग्रोथ कर रहा

गोरिंचेस ने कहा कि भारत ऐसे वक्त में तेजी से ग्रोथ कर रहा है, जब दुनिया मंदी के आसन्न संकट का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए भारत को महत्वपूर्ण ढांचागत सुधार करने होंगें। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य पाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले कई देशों को बहुत तेज दर के साथ वृद्धि करते और तेजी से विकसित होते देखा है। हां, यह कोई आसान काम नहीं है, भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावना है लेकिन अपने लक्ष्य को पाने के लिए भारत को अनेक ढांचागत सुधार करने होंगे।’’ गोरिंचेस ने कहा, ‘‘भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जब यह 6.8 या 6.1 की ठोस दर के साथ बढ़ रही है तो यह उल्लेखनीय बात है। वह भी ऐसे वक्त जब बाकी की अर्थव्यवस्थाएं, विकसित अर्थव्यवस्थाएं उस गति से नहीं बढ़ रहीं।’’

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