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खेती-किसानी और ग्रामीण कामगारों के लिए जनवरी में घटी महंगाई, खाने की वस्तुएं भी हुईं सस्ती

कृषि कामगारों के मामले में तमिलनाडु 1,470 अंक के साथ सूचकांक सूची में सबसे ऊपर रहा। वहीं, हिमाचल प्रदेश 970 अंक के साथ निचले स्थान पर रहा। ग्रामीण श्रमिकों के मामले में आंध्र प्रदेश 1,454 अंक के साथ सूची में टॉप पर रहा।

खुदरा महंगाई- India TV Paisa Image Source : PIXABAY खुदरा महंगाई

कृषि और ग्रामीण कामगारों के लिए खुदरा महंगाई जनवरी में घटी है। मासिक आधार पर यह मामूली घटकर क्रमश: 7.52 प्रतिशत और 7.37 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से कुछ खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से महंगाई में कमी आई है। बीते वर्ष दिसंबर में कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (CPI-RL) क्रमश: 7.71 प्रतिशत और 7.46 प्रतिशत पर था। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि खाद्य महंगाई पिछले महीने 9.67 फीसदी और 9.43 प्रतिशत रही। जबकि दिसंबर, 2023 में यह 9.95 प्रतिशत और 9.80 प्रतिशत थी। वहीं, एक साल पहले यह 6.61 प्रतिशत और 6.47 प्रतिशत थी।

जनवरी, 2023 में कृषि कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 6.85 प्रतिशत और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 6.88 प्रतिशत था। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या कृषि कामगारों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक-एक अंक बढ़कर क्रमश: 1,258 और 1,268 अंक रहा। यह दिसंबर, 2023 में क्रमश: 1,257 और 1,267 अंक था।

तमिलनाडु रहा टॉप पर

कृषि कामगारों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए सूचकांक में वृद्धि का मुख्य कारण विविध समूहों का रहा। इनका योगदान क्रमश: 1.57 और 1.55 अंक रहा। ईंधन और प्रकाश समूह का 1.16 प्रतिशत और 1.10 प्रतिशत रहा। मुख्य रूप से दवा, चिकित्सक की फीस, सिनेमा टिकट, लकड़ी आदि के दाम बढ़ने से सूचकांक बढ़ा है। कृषि कामगारों के मामले में तमिलनाडु 1,470 अंक के साथ सूचकांक सूची में सबसे ऊपर रहा। वहीं, हिमाचल प्रदेश 970 अंक के साथ निचले स्थान पर रहा। ग्रामीण श्रमिकों के मामले में आंध्र प्रदेश 1,454 अंक के साथ सूची में टॉप पर रहा। जबकि हिमाचल प्रदेश 1,020 अंक के साथ निचले स्थान पर रहा।

खुदरा महंगाई में गिरावट

कुछ दिन पहले ही देश की खुदरा महंगाई के आंकड़े आए थे। यह जनवरी में घटकर 5.10 फीसदी रही है। दिसंबर महीने में यह 5.69 फीसदी के साथ 4 महीने के उच्च स्तर पर थी। इस तरह जनवरी में खुदरा महंगाई तीन महीने के निचले स्तर पर रही। इस तरह देश में खुदरा महंगाई आरबीआई के सहनीय स्तर 2 से 6 फीसदी के बीच है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर क्रमश: 5.34 फीसदी और 4.92 फीसदी रही। एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.93 फीसदी और 5.46 फीसदी थी।

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