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Hindi News पैसा बिज़नेस ईशा अंबानी के हाथ में होगी 'रिलायंस रिटेल' की बागडोर! नई पीढ़ी को कारोबार सौंप रहें मुकेश अंबानी

ईशा अंबानी के हाथ में होगी 'रिलायंस रिटेल' की बागडोर! नई पीढ़ी को कारोबार सौंप रहें मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया अंबानी की तीन संतानें हैं जिनमें आकाश एवं ईशा जुड़वा भाई-बहन हैं जबकि अनंत अंबानी सबसे छोटे हैं।

<p>Isha Ambani</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Isha Ambani

Mukesh Ambani रिलायंस इंडस्ट्रीज को नई पीढ़ी के हाथों में सौंप रहे हैं। आकाश को जियो की कमान सौंपने के बाद आज मुकेश अंबानी ईशा अंबानी को रिलायंस रिटेल की बागडोर सौंपने की घोषण कर सकते हैं। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकरी दी है। 30 वर्षीय ईशा येल विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र हैं। ईशा की शादी पीरामल समूह के आनंद पीरामल से हुई है। 

मुकेश अंबानी की तीन संतानें 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया अंबानी की तीन संतानें हैं जिनमें आकाश एवं ईशा जुड़वा भाई-बहन हैं जबकि अनंत अंबानी सबसे छोटे हैं। ईशा की शादी पीरामल समूह के आनंद पीरामल से हुई है। आकाश और उनकी बहन ईशा रिलायंस की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के निदेशक मंडल में पहले से ही शामिल हैं। यह कंपनी सुपरमार्केट के अलावा जियोमार्ट और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (जेपीएल) का संचालन करती है। 

आकश बने हैं जियो के चेयरमैन 

मुकेश अंबानी की जगह आकाश अंबानी को रिलायंस जियो का चेयरमैन बनाया गया है। मंगलवार को कंपनी की ओर से शेयर बाजार को भेजी गई जानकारी में बताया  गया कि 27 जून 2022 को बोर्ड की मीटिंग में आकाश को चेयरमैन बनाने की बात रखी गई थी। कंपनी ने बताया कि 65 वर्षीय मुकेश अंबानी का इस्तीफा 27 जून को बाजार बंद होने के बाद से ही मान्य हो गया। जहां आकाश और ईशा पहले से ही नए दौर के खुदरा और दूरसंचार कारोबार में सक्रिय हैं, वहीं अनंत रिलायंस की तेल एवं रसायन इकाइयों के अलावा नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार से जुड़े हुए हैं।  

अनंत को भी बनाया गया है निदेशक 

परिवार के छोटे बेटे अनंत को भी हाल ही में रिलायंस रिटेल में निदेशक बनाया गया है। इसके अलावा वह जेपीएल में भी मई, 2020 से निदेशक बने हुए हैं। रिलायंस समूह मुख्य रूप से तीन तरह के कारोबार- तेल रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल, खुदरा कारोबार और डिजिटल सेवाओं में सक्रिय है। खुदरा और डिजिटल सेवा कारोबार के लिए अलग-अलग पूर्ण-स्वामित्व वाली कंपनियां बनाई गई हैं जबकि तेल एवं रसायन कारोबार आरआईएल के अधीन संचालित होता है। ऊर्जा कारोबार भी आरआईएल के मातहत ही रखा गया है। ये तीनों ही कारोबार आकार में लगभग समान हैं। 

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