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Hindi News पैसा बिज़नेस नींबू-मिर्च को भी लगी महंगाई की नजर, गरीबों का हमदर्द आलू भी रुलाने को तैयार

नींबू-मिर्च को भी लगी महंगाई की नजर, गरीबों का हमदर्द आलू भी रुलाने को तैयार

मिर्च के भाव एक माह पहले 40 से 50 रुपये से बढ़कर अब 150 से 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।

<p>Lemon</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Lemon

Highlights

  • 200 से 240 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा नींबू का भाव
  • 150 से 160 रुपये प्रति किलो मिल रहा मिर्च बाजार में
  • आलू के उत्पादन में करीब 4.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान

नई दिल्ली। दुकान से लेकर घर के सामने बुरी नजर से बचाने के लिए नींबू-मिर्च लटकाने की प्रथा लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन आसामान छूती महंगाई की नजर इस बार नींबू-मिर्च को भी लग गई है। दरअसल, एक माह पहले आसानी से 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलने वाला नींबू का भाव अब 200 से 240 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। यही हाल मिर्च के भावों का है। मिर्च के भाव एक माह पहले 40 से 50 रुपये से बढ़कर अब 150 से 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। तो ऐसे में कहना लाजिमी है कि नींबू-मिर्च को भी इस महंगाई की नजर लग गई है। 

आलू के लिए चुकानी पड़ सकती है अधिक कीमत

इस साल आपको आलू के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। यानी गरीबों का हमदर्द आलू भी इस बार रुलाने को तैयार है। दरअसल, सरकार द्वारा जारी की गई बागवानी प्रोडक्शन अनुमान से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार,  हॉर्टिकल्चर (बागवानी) प्रोडक्शन 2020-21 के 334.6 मिलियन टन से घटकर इस साल 333.3 मिलियन टन रहने का अनुमान है। यह हालत तब है जब इस साल 2020-21 की तुलना में फलों का उत्पादन अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह गिरावट 2014-15 के बाद सात सालों की सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले साल की तुलना में आलू के प्रोडक्शन में करीब 4.6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। जानकारों का कहना है कि अभी आलू का सीजन है। इसलिए यह बाजार में सस्ते दाम पर मिल रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में आलू के भाव तेजी से ऊपर जा सकते हैं।

प्याज इस बार नहीं निकालेगा आंसू 

बीते कुछ सालों से प्याज के दाम में उछाल देखने को मिला है। लेकिन इस साल राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल, इस बार प्याज का उत्पादन करीब 17 फीसदी बढ़ा है। यानी इस साल प्याज की कीमतें काबू में रहने की उम्मीद है। हालांकि, इससे इतर मसाले, फूल, सुगंध और दवाओं वाले पौधे, जिनके प्रोडक्शन में गिरावट देखी गई। यानी, इनके दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। 

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