A
Hindi News पैसा बिज़नेस सूरजमुखी उत्पादक किसानों ने किया दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे जाम, जानिए किस बात पर मचा है बवाल

सूरजमुखी उत्पादक किसानों ने किया दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे जाम, जानिए किस बात पर मचा है बवाल

सूरजमुखी के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का इंतजार कर रहे हैं और निजी व्यापारियों को अपनी उपज बेचकर किसानों को 1,500 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है।

farmers protest at Chandigarh Highway- India TV Paisa Image Source : PTI farmers protest at Chandigarh Highway

पंजाब हरियाणा के सूरजमुखी के किसान इस समय सड़क पर है। बड़ी संख्या में किसानों ने मंगलवार दोपहर कुरुक्षेत्र के शाहबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सूरजमुखी बीज की खरीद करे। प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी बीज नहीं खरीद रही है, और इसके चलते उन्हें अपनी उपज निजी खरीदारों को 6,400 रुपये एमएसपी के मुकाबले लगभग 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

दिल्ली चंडीगढ़ हाइवे पर मची अफरा तफरी 

हाइवे जाम करने के मामले में पुलिस ने तीन किसान नेताओं और उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया। बीकेयू (चारुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी के आह्वान पर किसानों ने शाहबाद के पास दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में चारुनी शामिल हैं।  चारूनी ने कहा कि सरकार को सूरजमुखी बीजों की खरीद 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्होंने सरकार को सोमवार तक का समय दिया था, लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। 

शाम 7 बजे तक जाम रहा हाइवे 

प्रदर्शनकारियों द्वारा राजमार्ग जाम किए जाने के बाद पुलिस को यातायात को अन्य मार्गों और संपर्क मार्गों के लिए मोड़ना पड़ा। शाम में सात बजे के बाद यातायात सामान्य हो गया। जिस जगह पर किसानों ने राजमार्ग जाम किया था, उसके पास भारी पुलिस बल तैनात था। कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस एस भोरिया ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि राजमार्ग को सुचारू यातायात के लिए खुला रखा जाए। हालांकि अदालत के आदेश में यह स्पष्ट किया गया कि प्रशासन अत्यधिक संयम बरते और अंतिम उपाय के रूप में, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करे। 

किसानों को हो रहा 2500 रुपये का नुकसान 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में कहा था, ‘‘सूरजमुखी के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का इंतजार कर रहे हैं और निजी व्यापारियों को अपनी उपज बेचकर किसानों को 1,500 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है।’’ चारुनी ने धरना स्थल पर कहा था, ‘‘जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानती, हमारा विरोध जारी रहेगा।’’ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे भावांतर भरपाई योजना में सूरजमुखी के बीज को शामिल करने के सरकार के कदम के खिलाफ हैं। इसके तहत सरकार एमएसपी से नीचे बेची गई उपज के लिए 1,000 रुपये प्रति क्विंटल का निश्चित मुआवजा देगी। 
 

(PTI Input) 

Latest Business News