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Hindi News पैसा बिज़नेस सेबी से स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने वाली नई कंपनियों को मिलेगी राहत, रिजल्ट जारी के लिए अब इतने दिन और मिलेंगे

सेबी से स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने वाली नई कंपनियों को मिलेगी राहत, रिजल्ट जारी के लिए अब इतने दिन और मिलेंगे

बाजार नियामक ने लोगों से इस प्रस्ताव पर छह मार्च तक सुझाव देने को कहा है। इसके अलावा, सेबी ने निदेशक, अनुपालन अधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी के पदों पर नियुक्ति को लेकर समयसीमा का सुझाव दिया है।

सेबी - India TV Paisa Image Source : FILE सेबी

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नई लिस्टेड कंपनियों के पहले वित्तीय परिणाम की घोषणा को लेकर राहत देने के लिये मंगलवार को कदम उठाया। इसके तहत, ऐसी कंपनियों को अपना पहला वित्तीय परिणाम जारी करने के लिये 15 दिन का अतिरिक्त समय देने का प्रस्ताव किया गया है। सेबी को नई सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से सूचीबद्धता के तुरंत बाद पहले वित्तीय परिणाम की घोषणा को लेकर पेश आने वाली चुनौतियों को लेकर आवेदन मिले थे। मौजूदा सूचीबद्धता बाध्यता और खुलासा जरूरतों (एलओडीआर) के तहत सभी सूचीबद्ध इकाइयों को प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के 45 दिन के भीतर तिमाही वित्तीय परिणाम की घोषणा करनी होती है। वहीं अंतिम तिमाही और सालाना परिणाम के मामले में सूचीबद्ध कंपनियों को वित्त वर्ष समाप्त होने के 60 दिन के भीतर इसकी घोषणा करनी होती है।

कम समय के चलते बढ़ाई गई समयसीमा

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परामर्श पत्र में कहा, ‘‘वैसे मामले में जब कंपनियां वित्तीय परिणाम की घोषणा को लेकर निर्धारित समयसीमा के आसपास सूचीबद्ध होती हैं, उन्हें पहले वित्तीय परिणाम की घोषणा को लेकर काफी कम समय मिलता है।’’ नियामक ने कहा, ‘‘चूंकि वित्तीय परिणाम कीमत से जुड़े संवेदनशील मामले होते हैं, ऐसी घोषणा सूचीबद्धता के तुरंत बाद होने से कंपनी के शेयर मूल्य पर व्यापक असर पड़ सकता है।’’ सेबी ने कहा कि नई सूचीबद्ध कंपनियों को सूचीबद्धता के बाद अपना पहले वित्तीय परिणाम का खुलासा करने के लिये पर्याप्त समय देने को लेकर सूचीबद्धता के दिन से कम-से-कम 15 दिन का समय देने का प्रस्ताव किया गया है।

छह मार्च तक सुझाव देने की अपील

बाजार नियामक ने लोगों से इस प्रस्ताव पर छह मार्च तक सुझाव देने को कहा है। इसके अलावा, सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों में निदेशक, अनुपालन अधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी के पदों पर नियुक्ति को लेकर समयसीमा का सुझाव दिया है। साथ ही मौजूदा सूचीबद्धता बाध्यता और खुलासा जरूरतों के तहत बार-बार नियमों का अनुपालन नहीं करने या सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर प्रबंध निदेशक, पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ के डीमैट खातों को जब्त करने को लेकर भी समयसीमा का प्रस्ताव किया है।

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