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OPEC ने कच्चे तेल की आपूर्ति में कटौती का निर्णय किया, देश में Petrol-Diesel और LPG हो सकते हैं महंगे

OPEC: इस निर्णय के तहत तेल उत्पादक देश अक्टूबर महीने के लिये 1,00,000 बैरल प्रतिदिन की कटौती करेंगे।

OPEC- India TV Paisa Image Source : PTI OPEC

Highlights

  • ओपेक सहयोगी देशों ने वैश्विक स्तर पर तेल आपूर्ति में कटौती का निर्णय किया
  • इसका असर दुनियाभर के बाजारों में देखने को मिलेगा
  • उत्पादन घटने से कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी

OPEC: तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस समेत सहयोगी देशों ने सोमवार को वैश्विक स्तर पर तेल आपूर्ति में कटौती का निर्णय किया है। यह फैसला वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका के बीच तेल के दाम में आ रही नरमी को देखते हुए किया गया है। इस निर्णय के तहत तेल उत्पादक देश अक्टूबर महीने के लिये 1,00,000 बैरल प्रतिदिन की कटौती करेंगे। ओपेक के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसका असर दुनियाभर के बाजारों में देखने को मिलेगा। उत्पादन घटने से कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी। इसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। अगर कच्चे तेल की कीमत आगे तेजी से बढ़ती है तो घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ सकते हैं।

पिछले महीने किया था ऐलान

इससे पहले, पिछले महीने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि ओपेक और सहयोगी देश तेल उत्पादन में कभी भी कटौती कर सकते हैं। अक्टूबर महीने के लिये कटौती ओपेक और सहयोगी देशों के 4.38 करोड़ बैरल प्रतिदिन का एक छोटा सा हिस्सा है। इस घोषणा के बाद तेल की कीमतों में उछाल आया है। अमेरिकी कच्चा तेल 3.3 प्रतिशत उछलकर 89.79 डॉलर प्रति बैरल जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 3.7 प्रतिशत बढ़कर 96.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

कीमत कम होने से रोकने की कवायद

कोलंबिया विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति विशेषज्ञ जेसन बोर्डोफ ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘प्रतिदिन तेल की मात्रा में कटौती काफी कम हो सकती है लेकिन आज की कटौती से संदेश स्पष्ट है। ओपेक और उसके सहयोगी देशों को लगता है कि कच्चे तेल के दाम काफी नीचे आ गये हैं।’’ ओपेक ने यह भी कहा है कि वह बाजार की जरूरत के अनुसार उत्पादन को समायोजित करने के लिये पांच अक्टूबर को होने वाली बैठक का आयोजन पहले कर सकता है। वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि आगे भी कटौती हो सकती है। ओपेक की योजना कच्चे तेल की कीमत 100 डाॅलर प्रति बैरल से अधिक रखने की है। इस योजना के तहत आगे भी उत्पादन में कटौती की जा सकती है।

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