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Paperless Banks: अब न जमा पर्ची न कोई फॉर्म, बदल जाएंगे सरकारी बैंक, जानिए क्या है RBI की प्लानिंग

Paperless Banks: पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभाव और कागज की बरबादी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को Paperless बनाने का सुझाव दिया।

Banks- India TV Paisa Image Source : FILE Banks

Highlights

  • आरबीआई ने बैंकों को पेपरलैस बनाने का सुझाव दिया
  • बैंक ग्राहकों को एटीएम पर ई-रसीद मुहैया करा सकते हैं
  • आरबीआई ने पेपरलेस प्रकिया के लिए 30 सितंबर तक सुझाव मांगे हैं

Paperless Banks: हो सकता है कि आगे से आप बैंक जाए तो आपको न जमा पर्ची मिले और न कोई फॉर्म। आने वाले समय में बैंक पूरी तरह से पेपरलैस होने जा रहे हैं। संभव है कि बैंक ग्राहकों को एटीएम पर ई-रसीद मुहैया करा सकते हैं। 

पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभाव और कागज की बरबादी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को पेपरलैस बनाने का सुझाव दिया। रिजर्व बैंक ने ‘जलवायु जोखिम और सस्टेनेबल फाइनेंस’ पर एक परिचर्चा पत्र में कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहता है। 

बैंक तैयार करेंगे गाइड लाइन 

इसे लिए जल्द ही रिजर्व बैंक रेगुलेटेड इंस्टीटयूशन (RE) के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। परिचर्चा पत्र में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें कहा गया, ‘‘बैंकिंग प्रक्रियाओं को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बनाकर आरई अपने संचालन में कागज के उपयोग को खत्म करके अपनी शाखाओं को हरित शाखाओं में बदलने पर विचार कर सकते हैं।’’ 

कहां कहां होता है कागज का इस्तेमाल 

बैंकों की बात करें तो कागज के इस्तेमाल में सरकारी हो या प्राइवेट, कोई भी पीछे नहीं है। बैंक में पैसे जमा करने या निकालने की पर्ची से लेकर ड्राफ्ट बनवाने, एफडी बनवाने के अलावा केवाईसी फॉर्म भी कागज का ही होता है। इसके अलावा बैंक पासबुक भी कागज के इस्तेमाल का उदाहरण है। ऐसे में यदि बैंकों को पेपरलैस बनाया जाएगा तो इन सभी कागजी कार्रवाई के लिए भी बैंकों को एक अलग डिजिटल व्यवस्था को अपनाना होगा। 

ATM से मिलेंगी ई रसीदें

RBI ने 30 सितंबर तक परिचर्चा पत्र पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। इसके अनुसार, आरई ई-रसीदों को प्रोत्साहित करने के तरीकों और साधनों पर विचार कर सकते हैं। यह सुझाव भी दिया गया कि भारतीय बैंक संघ (IBA)  जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त के क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर एक कार्यसमूह स्थापित कर सकता है।

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