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Hindi News पैसा बिज़नेस Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम कब थमेंगे? UPA से लेकर NDA तक कब-कब लगी 'आग'

Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम कब थमेंगे? UPA से लेकर NDA तक कब-कब लगी 'आग'

बड़ा सवाल ये है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में लगी 'आग' कहां जाकर थमेगी? पेट्रोल और डीजल के दाम में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के कार्यकाल की तुलना की जाए तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं।

Petrol Siesel Price News- India TV Paisa Image Source : PTI FILE PHOTO Petrol Siesel Price News

Highlights

  • केवल 15 दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम में करीब 9 रुपए 20 प्रति लीटर की वृद्धि
  • पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ेगी?

Petrol Diesel Price: पेट्रोल और डीजल के दाम में बीते 15 दिनों के भीतर ही करीब 10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। यह पहली बार है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में इतने कम समय में इतनी बड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है। देश में मोदी सरकार (एनडीए) के कार्यकाल को करीब 8 साल होने को हैं। बड़ा सवाल ये है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में लगी 'आग' कहां जाकर थमेगी? पेट्रोल और डीजल के दाम में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के कार्यकाल की तुलना की जाए तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं। यूपीए और एनडीए के कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल के दामों पर पढ़िए विशेष रिपोर्ट...

जानिए UPA या फिर NDA में ज्यादा बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम?  

आंकड़ों के मुताबिक, 2004 में जब देश में UPA की सरकार सत्ता में थी, उस वक्त पेट्रोल के दाम 33 रुपए प्रति लीटर थे। यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच पेट्रोल के दाम 33 रुपए से बढ़कर 71.41 रुपए हो गए। वहीं 2014 में जब NDA सरकार (मोदी सरकार) सत्ता में आई थी तब मई 2014 को पेट्रोल के दाम 71.41 रुपए प्रति लीटर और डीजल 57.28 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार ने पिछले करीब 8 साल में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को करीब 12 बार बढ़ाया है। वहीं इसके विपरीत सिर्फ 3 बार घटाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के ऊपर जितनी एक्साइज ड्यूटी लगाई जा रही है उतनी ड्यूटी किसी भी कार्यकाल में नहीं लगाई गई है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की समय-समय पर चर्चा होती रहती है लेकिन अभी इस पर संशय बना हुआ है।

पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर यूपीए-एनडीए के अपने-अपने तर्क

हालांकि, किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इस बात पर गौर करना जरूरी है कि यूपीए के मुकाबले एनडीए को लगातार कच्चा तेल सस्ता मिला है। असल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करने में दो चीजें अहम होती हैं- क्रूड ऑयल और टैक्सेज। यूपीए सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का कारण बताते हुए कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को भारी नुकसान से बचाने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी जायज है। वहीं भाजपा ने दावा किया कि पिछली यूपीए सरकार ने खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 1.3 लाख करोड़ के तेल बांड जारी किए थे, जिसे वर्तमान सरकार सेवा दे रही है। फ्यूल की बढ़ती कीमतों से अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति (महंगाई) का दबाव बढ़ सकता है। 

राहुल गांधी बोले- Pradhan Mantri Jan Dhan LOOT Yojana

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए एक फोटो के साथ ट्विट करते हुए लिखा कि 'प्रधानमंत्री जन धन लूट योजना'। राहुल गांधी ने मई 2014 की तुलना आज के समय पेट्रोल और डीजल के दामों से की है। राहुल गांधी ने जिस फोटो को शेयर किया है उसमें 26 मई 2014 को क्रूड ऑयल के दाम 108.05 डॉलर प्रति बैरल बताया गया है। जबकि 4 अप्रैल 2022 को क्रूड ऑयल के दाम 99.42 डॉलर प्रति बैरल बताया गया है। 

देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में लगी आग कब थमेगी?

देश के कई राज्यों में जहां पेट्रोल के दाम 130 रुपए प्रति लीटर के पास पहुंच चुके हैं वहीं डीजल के दाम ने शतक यानी 100 रुपए प्रति लीटर के भाव को पार कर लिया है। यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनाव के चलते लगभग 137 दिनों तक कीमतें स्थिर थीं लेकिन इसके बाद जब बढ़ना शुरू हुआ तो इस पर लगाम नहीं लग पा रही है और पिछले केवल 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में करीब 9 रुपए 20 प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। 

लोगों को आई यूपीए में 7 रुपये की वृद्धि की याद

पेट्रोल डीजल की कीमतों में तेजी से हर कोई हलाकान है। पुरानी याददाश्त वाले लोग इस तेजी में भी यूपीए सरकार के फैसले के सहारे ठंडी आह ले रहे हैं। आपको याद दिला दें कि मई 2012 में कच्चे तेल 14.5 डॉलर में तेजी और रुपये में 3.2 प्रतिशत की गिरावट को देखते हुए मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में एक साथ 7.54 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी थी। उस वक्त तेल के दाम में बदलाव रात 12 बजे से होते थे, ऐसे में पेट्रोल पंप के बाहर मीलों लंबी लाइन लग गई थी।

जानिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव

हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में तेजी आई है। ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) का भाव 1.77 फीसदी बढ़कर 109.3 डॉलर प्रति बैरल हो गया है जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude) की कीमत 1.67 फीसदी उछलकर 105 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। 

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