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Hindi News पैसा बिज़नेस सावधान: देश में सबसे ज्यादा 100 और 500 रुपये के जाली नोट, एक साल में डबल हो गई संख्या

सावधान: देश में सबसे ज्यादा 100 और 500 रुपये के जाली नोट, एक साल में डबल हो गई संख्या

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 2,000 रुपये मूल्य के 13,604 जाली नोटों का पता चला।

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Highlights

  • कोरोना संकट के बीच तो इस काले कारोबार में दोगुनी की बढ़ोत्तरी हुई है
  • बीते साल 500 रुपये के 79,669 जाली नोट पकड़े गए
  • सबसे ज्यादा फर्जी नोट 100 और 500 रुपये के हैं

देश में जाली नोटों के कारोबार लगातार फलफूल रहा है। कोरोना संकट के बीच तो इस काले कारोबार में दोगुनी की बढ़ोत्तरी हुई है। रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में बीते साल 500 रुपये के 79,669 जाली नोट पकड़े गए। यह संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है।  चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी नोट 100 और 500 रुपये के हैं। हालांकि 100 रुपये के फर्जी नोटों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 2,000 रुपये मूल्य के 13,604 जाली नोटों का पता चला। 2020-21 की तुलना में यह 54.6 प्रतिशत अधिक हैं। बीते वित्त वर्ष में बैंकिंग क्षेत्र में मिले विविध मूल्यों की कुल जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) की संख्या बढ़कर 2,30,971 हो गई जो 2020-21 में 2,08,625 थी। 2019-20 में 2,96,695 जाली नोट पकड़ में आए थे। 

जाली नोट एक साल में कमी / वृद्धि
10 रुपये 16.4 %
20 रुपये 16.5 %
100 रुपये - 16.7 %
200 रुपये 11.7 %
500 रुपये 101.9 %
2000 रुपये 54.6 %

बैंकिंग प्रणाली में 2021-22 में मिले कुल जाली नोटों में से 6.9 प्रतिशत रिजर्व बैंक में पकड़ में आए और 93.1 फीसदी अन्य बैंकों में मिले। सरकार ने 2016 में नोटबंदी का कदम फर्जी करेंसी पर लगाम लगाने के लिए उठाया था। इसमें 500 रुपये और 1,000 रुपये मूल्य के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के बीच सुरक्षित छपाई पर कुल 4,984.8 करोड़ रुपये का खर्च आया जबकि एक जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021 के बीच 4,012.1 करोड़ रुपये का खर्च आया था।

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