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Hindi News पैसा बिज़नेस बिल्डर हो गया दिवालिया तो भी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं रुकेगी, होम बायर्स को राहत देने के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम

बिल्डर हो गया दिवालिया तो भी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं रुकेगी, होम बायर्स को राहत देने के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम

आम चुनाव से पहले देशभर के लाखों होम बायर्स को मोदी सरकार की ओर से बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार दिवालिया बिल्डर के प्रोजेक्ट में फ्लैट की रजिस्ट्री कराने की स्वीकृति दे सकती है। सरकारी सूत्रों से यह अहम जानकारी मिली है। सरकार इससे जुड़े प्रपोजल पर विचार कर रही है।

Modi Government - India TV Paisa Image Source : INDIA TV मोदी सरकार

देशभर के होम बायर्स को मोदी सरकार बड़ा राहत देने की तैयारी कर रही है। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सकरार वैसे रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स में फ्लैट की रजिस्ट्री की मंजूरी देने की योजना बना रही है, जो बनकर तो तैयार तो हैं लेकिन बिल्डर दिवालिया हो गए हैं। सरकार इसके लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) से जरूरी जानकारी लेने का अधिकार दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, दिवालिया प्रोजेक्ट में रजिस्ट्री शुरू करने से जुड़े एक प्रपोजल पर सरकार विचार कर रही है। 

लाखों होम बायर्स को राहत देने की तैयारी 

अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, मोदी सरकार की योजना देशभर के लाखों होम बायर्स को राहत देने की है जो अपनी गाढ़ी कमाई देने के बाद भी घर की चाबी नहीं ले पाएं हैं। सरकार का मनना है कि होमबॉयर्स इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत वित्तीय लेनदार भी हैं। ऐसे में अगर कोई बिल्डर दिवालिया हो जाता है तो भी उसके प्रोजेक्ट में होम बायर्स का हिस्सा है। ऐसे में उसको रजिस्ट्री दी जाएगी। रियल्टी के जानकारों का कहना है कि इस पहल से होम बायर्स बचा हुआ पैसा लेने में भी मदद मिलेगी। बहुत सारे अटके प्रोजेक्ट में होम बायर्स बकाया रकम देने के इच्छुक नहीं है। इसके साथ ही रजिस्ट्री शुरू होने से राज्य सरकार की रेवन्यू भी बढ़ेगा। 

518 बिल्डर पर दिवालिया का केस चल रहा

रिसर्च फर्म ग्रांट थॉर्नटन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में रजिस्टर्ड 2,298 में से 518 रियल एस्टेट कंपनी पर दिवालिया केस चल रहा है। अगर फीसदी में देखें तो यह करीब 23 फीसदी है। वहीं , 611 दाखिल दिवालिया मामलों में से सिर्फ 78 का निपटारा हुआ है। यह करीब 13% है। रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा आईबीसी नियम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को लेनदारों की समिति से मंजूरी लेने के बाद समाधान प्रक्रिया के दौरान खरीदारों को फ्लैट सौंपने से नहीं रोकते हैं, लेकिन वे इसे सही तरीके से करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि फ्लैट हस्तांतरण और पंजीकरण की अनुमति देने वाला एक स्पष्ट आईबीसी प्रावधान इस मामले को सरल बना सकता है। 

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