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Hindi News पैसा बिज़नेस ₹50 लाख तक की कीमत वाले घरों की बिक्री 2023 में घटी, कुल बिक्री 10 साल के टॉप पर

₹50 लाख तक की कीमत वाले घरों की बिक्री 2023 में घटी, कुल बिक्री 10 साल के टॉप पर

रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इसके चलते किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई।

एक करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले घरों की हिस्सेदारी 2023 में बढ़ी।- India TV Paisa Image Source : PIXABAY एक करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले घरों की हिस्सेदारी 2023 में बढ़ी।

देश के आठ प्रमुख शहरों में 50 लाख रुपये तक के बजट वाले घरों की बिक्री में बीते साल यानी 2023 में 16 प्रतिशत की गिरावट के साथ लगभग 98,000 यूनिट दर्ज की गई। हालांकि घरों की कुल बिक्री इस दौरान 10 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा। पीटीआई की खबर के मुताबिक,नाइट फ्रैंक इंडिया की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह बात सामने आई है।

कुल आवास बिक्री 3,29,907 यूनिट रही

खबर के मुताबिक, संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी और हाई मोर्गेज रेट के चलते ऐसे घरों की बिक्री में गिरावट आई। इसके बाद भी शीर्ष आठ शहरों - दिल्ली-एनसीआर, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और अहमदाबाद में 2023 के दौरान सभी को मिलाकर कुल आवास बिक्री 5 प्रतिशत सालाना बढ़कर 3,29,907 यूनिट हो गई।

नई आपूर्ति 2023 में 20 प्रतिशत घटी

रिपोर्ट के मुताबिक, 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इससे किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई। मीडियम इनकम और लग्जरी होम सेगमेंट में हाई डिमांड के चलते कुल बिक्री 10 साल के टॉप लेवल पर पहुंच गई। दिल्ली-एनसीआर बाजार में पिछले साल किफायती घरों की बिक्री 44 प्रतिशत घटकर 7,487 यूनिट रह गई, जो 2022 में 13,290 यूनिट थी। मुंबई में बिक्री 2 प्रतिशत बढ़कर 85,169 यूनिट से बढ़कर 86,871 यूनिट हो गई।

रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में दिखाया गया कि 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत वाली आवासीय संपत्तियों की बिक्री पिछले साल 2022 में 1,17,131 यूनिट से घटकर 97,983 यूनिट रह गई। इसका नतीजा यह हुआ कि कुल आवास बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत हो गई है। एक करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले घरों की हिस्सेदारी एक साल पहले के 27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 34 प्रतिशत हो गई।

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