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Hindi News पैसा बिज़नेस इस नई खूबी के साथ दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट बना और भी खास, देश में पहली बार मिली ये सुविधा

इस नई खूबी के साथ दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट बना और भी खास, देश में पहली बार मिली ये सुविधा

अक्टूबर तक चौथे टर्मिनल का भी काम पूरा हो जाने पर दिल्ली हवाईअड्डे की क्षमता बढ़कर 10.9 करोड़ यात्री प्रति वर्ष हो जाएगी

Eastern Cross Taxiways, fourth runway at Delhi airport- India TV Paisa Image Source : PTI Eastern Cross Taxiways, fourth runway at Delhi airport

दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक दिल्ली का इंदिरागांधी इं​टरनेशनल एयरपोर्ट यानि IGI अब और भी खास हो गया है। IGI देश का पहले हवाई अड्डा है जिसमें 4 रनवे की सुविधा के साथ ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे (ECT) की सुविधा उपलब्ध है। आज एक खास कार्यक्रम में विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली हवाईअड्डे पर निर्मित एलिवेटेड ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे और चौथी हवाई पट्टी पर विमानन गतिविधियों का उद्घाटन किया। इन दोनों नई सुविधाओं के साथ इससे देश के सबसे बड़े हवाईअड्डे की क्षमता और परिचालन दक्षता बढ़ने की उम्मीद है। दिल्ली हवाईअड्डे से रोजाना करीब 1,500 विमानों की आवाजाही होती है। 

बना देश का पहला हवाई अड्डा

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA) देश का पहला ऐसा हवाईअड्डा है जहां पर चार हवाई पट्टियां होने के साथ ईसीटी भी मौजूद है। देश के सबसे बड़े हवाईअड्डे पर नई सुविधाएं शुरू होने से विमानों की आवाजाही में सहूलियत बढ़ जाएगी। करीब 2.1 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे (ईसीटी) शुरू हो जाने से विमान उतरने के बाद और उड़ान भरने के पहले यात्रियों का टरमैक पर बिताया जाने वाला समय कम हो जाएगा। ईसीटी शुरू होने के साथ आईजीआईए देश का इकलौता हवाईअड्डा हो गया है जहां ऊपर टैक्सीवे होगा और उसके नीचे से सड़कें गुजरती हैं। 

क्या होता है टरमैक 

विमानों के खड़े होने वाली जगह से हवाई पट्टी तक जाने वाले रास्ते को टरमैक कहा जाता है। ईसीटी दिल्ली हवाईअड्डे के पूर्वी हिस्से में उत्तरी और दक्षिणी हवाई क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा। इससे उड़ान भरने से पहले और उतरने के बाद विमान को टरमैक पर सात किलोमीटर तक कम दूरी तय करनी होगी। इससे विमान के उड़ान भरने से पहले (टैक्सींग) का समय 20 मिनट से घटकर 10-12 मिनट रह जाएगा। सिंधिया ने कहा कि ईसीटी पर चौड़े आकार वाले दो विमान एक साथ आवागमन कर सकते हैं। दो लेन वाले ईसीटी की एक लेन 44 मीटर चौड़ी है और दोनों लेन के बीच 47 मीटर का फासला भी रखा गया है ताकि चौड़े विमान आसानी से आवाजाही कर सकें। 

क्षमता के मामले में अटलांटा को पीछे छोड़ेगा आईजीआई 

सिंधिया ने कहा कि चौथी हवाई पट्टी शुरू हो जाने और अक्टूबर तक चौथे टर्मिनल का भी काम पूरा हो जाने पर दिल्ली हवाईअड्डे की क्षमता बढ़कर 10.9 करोड़ यात्री प्रति वर्ष हो जाएगी। फिलहाल इसकी क्षमता सात करोड़ यात्री प्रति वर्ष की है। उन्होंने दावा किया कि आईजीएआई क्षमताओं के मामले में अटलांटा हवाईअड्डे को भी पीछे छोड़ देगा। आईजीआईए का परिचालन दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) के पास है जो जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की अगुवाई वाला गठजोड़ है। 

व्यस्त दिनों में नहीं लगेगा विमानों का ट्रैफिक जाम 

इस मौके पर जीएमआर ग्रुप के चेयरमैन जी एम राव ने कहा कि हवाईअड्डे पर ईसीटी और चौथी हवाई पट्टी शुरू होने से इसकी परिचालन दक्षता और क्षमता बढ़ जाएगी। सिंधिया ने जीएमआर ग्रुप से अक्टूबर तक चौथे टर्मिनल 'टी4' का निर्माण कार्य पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम की भीड़भाड़ शुरू होने के पहले नया टर्मिनल का परिचालन शुरू हो जाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि देश के विमानन क्षेत्र में इस समय वृद्धि का दौर शुरू है और यह एक आर्थिक शक्ति के रूप में देश के उदय में योगदान दे रहा है। 

जल्द विमानन कंपनियों पर होंगे दोगुने जहाज 

सिंधिया ने पिछले कुछ महीनों में देश की कुछ एयरलाइंस की तरफ से विमान विनिर्माता कंपनियों एयरबस और बोइंग को दिए गए बड़े ऑर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि घरेलू विमानन कंपनियों के पास उपलब्ध विमानों की संख्या 1,500 तक पहुंच जाएगी जबकि फिलहाल इनकी संख्या 720 है। उन्होंने कहा कि आज देश में 148 हवाईअड्डे, हेलीपोर्ट और वाटरड्रोम मौजूद हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी।

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