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Social Media पर सेंसर: चीन में सोशल मीडिया यूजर्स पर सख्ती की तैयारी, एक-एक टिप्पणी की होगी समीक्षा

चीन के इंटरनेट नियामक ने सोशल मीडिया टिप्पणियों पर नजर रखने के लिए मसौदा नियमों का एक नया सेट प्रकाशित किया है।

<p>Social Media Censor </p>- India TV Paisa Image Source : FILE Social Media Censor 

Highlights

  • टिप्पणियों पर नजर रखने के लिए मसौदा नियमों का एक नया सेट प्रकाशित किया
  • जल्द ही यह नियम लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है
  • चीन में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों पर भी शिकंजा कसा है

Social Media पर सेंसर: चीन में मेन स्ट्रीम मीडिया यानी समाचार और न्यूज चैनल पहले से ही प्रतिबंधत है। चीन के अंदर कोई प्राइवेट चैनल रिपोर्टिंग नहीं कर सकता है। चीन अपने सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के जरिये ही जो खबर दुनिया को देता है। अब चीन सोशल मीडिया यूजर्स पर सख्ती करने की तैयारी कर रहा है। आने वाले समय में चीन में सोशल मीडिया यूजर्स के हर पोस्ट पर की गई टिप्पणी की समीक्षा की जाएगी। चीन ने इसके लिए एक मसौदा पेपर जारी किया है। इसको अमल में आने के बाद सोशल मीडिया पर प्रत्येक पोस्ट होने वाली टिप्पणियों की समीक्षा शुरू हो जाएगी। 

इंटरनेट नियामक ने नियमों का एक सेट प्रकाशित किया 

चीन के इंटरनेट नियामक ने सोशल मीडिया टिप्पणियों पर नजर रखने के लिए मसौदा नियमों का एक नया सेट प्रकाशित किया है। इसके अनुसार,  सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को प्रकाशित होने से पहले सभी ऑनलाइन टिप्पणियों की समीक्षा करनी होगी और किसी भी गलत और बुरी जानकारी की रिपोर्ट अधिकारियों को करनी होगी। नए नियमों को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हितों की रक्षा और नागरिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, नियामक सभी तरह के कमेंट जैसे रिप्लाई, जीआईएफ इमेज, ऑडियो, वीडियो संदेश आदि की जाचं करेगा। जल्द ही यह नियम लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है। 

फ्री स्पीच पर हमला 

चीन के सोशल मीडिया यूजर्स ने इस कदम को फ्री स्पीच पर हमला बताया है। सोशल मीडिया यूजर्स को डर है कि इस की आड़ में सरकार आम लोगों की आवाज भी दबाने की को​शिक करेगी और सरकारी अधिकारी इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं। नियामक ने 1 जुलाई, 2022 तक प्रस्तावित संशोधनों पर टिप्पणियां मांगी है। हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाजी होगा कि इस कानून को कितनी सख्ती से लागू किया जाएगा, इसको लेकर चर्चा सिर्फ कयास ही हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि चीन ग्रेट फायरवॉल की खामियों की पहचान कर रहा है और उन्हें दूर करने के लिए अपने नियमों को अपडेट कर रहा है। चीन में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों पर भी शिकंजा कसा है। नए प्रावधानों के अनुसार वित्त, चिकित्सा, कानून और शिक्षा जैसे डोमेन में 'पेशेवर' कंटेंट का उत्पादन करने वाले किसी भी इंफ्लुएंसर के पास  लाइसेंस होना चाहिए।

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