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Hindi News पैसा बिज़नेस Sri Lanka में आटा 300 रुपये प्रति किलो के पार पहुंचा, ब्रेड के दाम भी 20 रुपये बढ़े, अब क्या करे बेचारी जनता?

Sri Lanka में आटा 300 रुपये प्रति किलो के पार पहुंचा, ब्रेड के दाम भी 20 रुपये बढ़े, अब क्या करे बेचारी जनता?

ब्रिटेन से 1948 में आजाद होने के बाद श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को कम से कम चार अरब डॉलर की जरूरत है।

Sri Lanka - India TV Paisa Image Source : AP Sri Lanka

भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अटा, ब्रेड और अन्य बेकरी वस्तुएं महंगी हो गई हैं। एक उद्योग निकाय ने मंगलवार को कहा कि एक किलोग्राम गेहूं का आटा पहले बाजार में 84.50 रुपये में मिलता था, और अब उसकी कीमत बढ़कर 300 रुपये से अधिक हो गई है। वहीं, बुधवार रात से 450 ग्राम की ब्रेड के दाम 20 रुपये बढ़ जाएंगे। अन्य बेकरी उत्पादों की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी होगी। 

प्याज 200 रुपये तो आलू 220 रुपये किलो 

Fose Market के आंकड़ों के अनुसार, श्रीलंका में टमाटर के भाव 150 रुपये किलो श्रीलंकाई रुपये हो गया है। इसी तरह मूली के भाव 490 रुपये, प्याज 200 रुपये किलो और आलू 220 रुपये किलो में बिक रहा है। आलू, प्याज और टमाटर जैसी आम इस्तेमाल की सब्जियों के दाम बढ़ने से श्रीलंका के आम लोग महंगाई की मार झेलने में अब सक्षम नहीं हो रहे हैं। इससे लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। सब्जियों के दाम में ऐसे समय आग लगी है, जब पहले से ही श्रीलंका में डीजल-पेट्रोल की कमी हो चुकी है और लोगों को बेतहाशा पावर कट का सामना करना पड़ रहा है।

आजाद के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट 

श्रीलंका की डेली मिरर समाचार वेबसाइट ने ऑल सीलोन बेकरी ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन के जयवर्धने के हवाले से बताया कि गेहूं के आटे के भाव में 32 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि के चलते कीमत बढ़ाने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन से 1948 में आजाद होने के बाद श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को कम से कम चार अरब डॉलर की जरूरत है। 

महंगाई मुद्रास्फीति जून में 54 प्रतिशत से ऊपर पहुंची

श्रीलंका में महंगाई जून के महीने में 54 प्रतिशत से अधिक हो गई। श्रीलंका के सांख्यिकी विभाग ने बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि जून, 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुख्य मुद्रास्फीति बढ़कर 54.6 प्रतिशत पर पहुंच गई। मई के महीने में यह 39 प्रतिशत पर थी। इसके मुताबिक, जून में सालाना आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति भी बढ़कर 80 प्रतिशत पर पहुंच गई जो एक महीने पहले 57 प्रतिशत थी। 

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