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TDS विवरण देने की समयसीमा 30 नवंबर तक बढ़ाई गई, जानिए क्यों डेडलाइन को बढ़ाया गया

टीडीएस का विवरण देने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए दूसरी तिमाही का ब्योरा जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है।

टीडीएस- India TV Paisa Image Source : FILE टीडीएस

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दूसरी तिमाही के लिए फॉर्म 26क्यू में तिमाही टीडीएस विवरण देने की समयसीमा एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है। सीबीडीटी ने गुरुवार को कहा कि संशोधित एवं अद्यतन फॉर्म 26क्यू में ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) का विवरण देने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए दूसरी तिमाही का ब्योरा जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है।

समयसीमा 31 अक्टूबर को हो रही थी खत्म

फॉर्म 26क्यू का इस्तेमाल वेतन से इतर भुगतान पर टीडीएस के तिमाही रिटर्न का विवरण देने के लिए किया जाता है। इस फॉर्म में एक तिमाही के दौरान कुल भुगतान की गई राशि और उस पर की गई कर कटौती का ब्योरा शामिल होता है। वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए यह फॉर्म जमा करने की समयसीमा 31 अक्टूबर को ही खत्म होने वाली थी। लेकिन अब इसे एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

टीडीएस क्या है?

टीडीएस का फुल फॉर्म है टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यानि स्त्रोत पर की गई टैक्स (कर) कटौती। इस के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति (कटौती करनेवाला/ डिडक्टर) किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान करने के लिए ज़िम्मेदार है तो वह सोर्स (स्त्रोत) पर टैक्स में डिडक्शन (कटौती) कर शेष रकम डिडक्टी को ट्रान्स्फर करेगा। काटी गई टीडीएस राशि केंद्रीय सरकार को भेज दी जाएगी। टीडीएस हर आय पर और हर किसी लेन-देन पर लागू नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप भारतीय हैं और आपने डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया तो इस पर जो आय प्राप्त हुई उस पर कोई टीडीएस नहीं चुकाना होगा।

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