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भारतीय उत्पादों के निर्यात में आए उछाल से पैकेजिंग उद्योग की ग्रोथ हुई तेज

पैकेजिग सेक्टर का देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी की दृष्टि से पांचवां स्थान है। पैकेजिंग इंडस्ट्री कई उद्योगों के लिए वैल्यू एडेड सेवाएं (वैल्यू एडेड सर्विसेज) देती है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मा, रिटेल, एफएमसीजी जैसे कई नाम शामिल हैं।

पैकेजिग सेक्टर- India TV Paisa Image Source : FILE पैकेजिग सेक्टर

कोरोना महामारी से उबरकर एक बार फिर से पैकेजिंग उद्योग ने रफ्तार पकड़ ली है। इसका एक बड़ा कारण भारतीय उत्पादों के निर्यात में तेजी आना है। इससे सभी प्रकार की इंडस्ट्रीज जैसे इंजीनियरिंब, फार्मास्यूटिकल और खानपान से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले उत्पादों की पैकेजिग की मांग बढ़ी है जिससे यह उद्योग फिर से बड़ी संख्या में रोजगार के मौके उपलब्ध करा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इस क्षेत्र के जानकार और पटेल पैकेजिंग के मौनेजिंग डायरेक्टर चंदूलाल पटेल ने कहा कि पैकेजिंग इंडस्ट्री साल दर साल नए उत्पाद बाजार में ला रही है जिससे इसका दायरा बड़ा हो रहा है। मेक इन इंडिया के तहत उत्पादों के निर्यात में जैसे जैसे और तेजी आएगी यह उद्योग और बढ़ेगा। पैकेजिग सेक्टर का देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी की दृष्टि से पांचवां स्थान है। पैकेजिंग इंडस्ट्री कई उद्योगों के लिए वैल्यू एडेड सेवाएं (वैल्यू एडेड सर्विसेज) देती है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मा, रिटेल, एफएमसीजी जैसे कई नाम शामिल हैं। फार्मा और फूड इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है, जिस वजह से पैकेजिंग का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है। घरेलू पैकेजिंग इंडस्ट्री बीते पांच सालों में 15 फीसदी की सालाना दर से बढ़ी है। संभव है कि साल 2025 तक यह 32 अरब डॉलर का व्यापार बन जाएगा।

तेजी से बढ़ रहा पैकेजिंग उद्योग

इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में प्रत्येक वस्तु के लिए पैकेजिंग की जरूरत होती है। छोटी सी सलाई से लेकर बड़े उत्पादों तक को अच्छी तरह से पैक करना जरूरी होता है। अच्छी पैकेजिंग ही ग्राहकों को वह उत्पाद खरीदने के लिए आकर्षित करती है। इसलिए कहा जाता है कि पैकेजिंग सिर्फ उत्पाद को सुरक्षित ही नहीं रखता, बल्कि एक ‘साइलेंट सेल्समैन‘ का काम भी करता है। यही वजह है कि विगत कई वर्षों से यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार, पेपर और पैकेजिंग इंडस्ट्री की यह ग्रोथ रेट अगले चार से पांच साल तक 25 से 26 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। भारतीय पैकेजिंग उद्योग के इस तेज विकास ने पैकेजिंग पेशेवरों के लिए भी मांग बढ़ा दी है। ई-कामर्स कंपनियों के आने से पहले की तुलना में पैकेजिंग इंडस्ट्री में करियर संभावनाएं काफी ज्या्दा बढ़ गई हैं। आकर्षक पैकेजिंग आजकल ब्रांडिंग और कम्युनिकेशन दोनों का माध्य‍म बन गई है। यही वजह है कि प्रत्येक उद्योग, चाहे वह फूड मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ा हो या फिर उपभोक्ता (एफएमसीजी) वस्तुओं के निर्माण से, उसे अपने उत्पादों की पैकेजिंग कराने के लिए प्रशिक्षित कुशल प्रोफेशनल चाहिए। खासकर, फूड, बेवरेज, एफएमसीजी और फार्मा जैसे उद्योगों को अपने ग्राहकों तक अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए पैकेजिंग विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ रही है। ऐसे में आप पैकेजिंग से जुड़ा कोई भी समुचित कोर्स करके आसानी से इस फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं। 

कई क्षेत्र में कंपनियां मुहैया करा रही सर्विस 

मौजूदा समय में देश की कई बड़ी कंपनियां पैकेजिंग उद्योग में अपना हाथ अजमा रही है। 'पटेल पैकेजिंग' भी लकड़ी के बक्से, परिवहन काठी, साइट पर पैकिंग सेवाएं, तैयार माल की लैशिंग और स्टफिंग, एंटीकोर्सियन वीसीआई पैकिंग, वैक्यूम पैकिंग, हीट सिकुड़ पैकिंग, लकड़ी के बक्से, लकड़ी के स्किड्स, आदि की सेवा मुहैया करा रही है। इतना ही नहीं समुद्री कारोबार में भी पैकिंग समाधान भी प्रदान कर रही है। संस्थापक सी.वी. पटेल का कहना है कि कस्टमाइज पैकिंग करते हैं। उसमें कम से कम मैटेरियल यूज करते हैं। ग्राहक को ओडीसी चार्ज में फायदा कराते हैं। कंपनी का मिशन किफायती बजट के भीतर उत्कृष्ट ग्राहक संतुष्टि, समय पर डिलीवरी और ईको फ्रैंडली उत्पादों की पेशकश करने वाला वन-स्टॉप औद्योगिक पैकेजिंग प्रदाता बनना है। कंपनी का लक्ष्य ग्लेबल सेवा मुहैया कराना है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती लोकप्रियता और ग्राहकों के बीच ब्रांड के प्रति जागरूकता ने इस इंडस्ट्री में जान फूंक दी है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक पैकेजिंग-प्रिंटिंग बाजार का आकार वर्ष 2020 में 352.01 अरब अमेरिकी डालर से बढ़कर वर्ष 2025 तक 433.40 अरब अमेरिकी डालर होने का अनुमान है। पटेल पैकेजिंग एलएंडटी, सिमेंस, एस्सार प्रोजेक्ट्स, जनरल इलेक्ट्रिक, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, इस्जेक हेवी इंजीनियरिंग, जश इंजीनियरिंग और कई अन्य दिग्गज फार्मा कंपनियों से जुड़ी हुई है।

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