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भारत में GI Tag के लायक हैं हजारों प्रोडक्ट्स, कैसे बढ़े इनका निर्यात? एक्सपर्ट्स से समझिए

किसी उत्पाद को जीआई पहचान मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से समान वस्तु नहीं बेच सकती है। यह पहचान 10 वर्षों की अवधि के लिए वैध है, जिसके बाद इसका नवीनीकरण कराया जा सकता है।

जीआई टैग वाले...- India TV Paisa Image Source : FILE जीआई टैग वाले प्रोडक्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को काला नमक, चावल और नागपुरी संतरे जैसे जीआई प्रोडक्ट्स का निर्यात बढ़ाने के लिए इन्हें वैश्विक मंच पर प्रीमियम उत्पाद के तौर पर पेश करना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक, समान अंतरराष्ट्रीय उत्पादों की तुलना में भारतीय जीआई उत्पादों की एक बड़ी कमजोरी मजबूत मार्केटिंग और वैश्विक ब्रांड पहचान का अभाव है। जीआई उत्पाद किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होने वाला कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है। यह पहचान उसे गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देती है।

ठीक से ब्रांडिंग होना जरूरी

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि कई भारतीय जीआई प्रोडक्ट अपनी अनूठी गुणवत्ता और सांस्कृतिक महत्व के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उतने मशहूर नहीं हैं। इसका कारण ठीक से ब्रांडिंग न होना, प्रचार गतिविधियां और वैश्विक बाजारों तक सीमित पहुंच है। इसके अलावा गुणवत्ता आश्वासन और जीआई टैग के कुशल प्रबंधन से संबंधित मुद्दे भी भारतीय जीआई उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता पर असर डालते हैं।

भारत में GI टैग के लायक हैं हजारों प्रोडक्ट्स

श्रीवास्तव ने कहा, "इन सेक्टर्स को मजबूत करने से भारतीय जीआई उत्पादों की वैश्विक उपस्थिति और बाजार मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।" गैर-सरकारी संगठन 'ग्रेट मिशन ग्रुप सोसाइटी' (जीएमजीएस) ने कहा कि भारत में हजारों उत्पाद जीआई के रूप में वर्गीकृत करने लायक हैं और वे स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करने के साथ देश की विरासत को सुरक्षित रखेंगे। जीएमजीएस के संस्थापक चेयरमैन गणेश हिंगमायर ने कहा कि उनके संगठन ने अब तक 89 उत्पादों के लिए जीआई टैग का आवेदन किया है, जिनमें से 61 को प्रकाशित या वर्गीकृत किया जा चुका है।

10 वर्षों के लिए वैध होता है जीआई टैग

उन्होंने कहा, ''मैं सरकार को भारतीय वस्तुओं को जीआई टैग देने में तेजी लाने का सुझाव देना चाहूंगा। इससे देश के निर्यात को बढ़ावा देने के अलावा उन समुदायों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो उन वस्तुओं का उत्पादन कर रहे हैं।'' कैपेसिटी बिल्डिंग और मार्केटिंग के लिए जीआई उत्पादकों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है, जिससे इन वस्तुओं के लिए अनुकूल इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलता है। किसी उत्पाद को जीआई पहचान मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से समान वस्तु नहीं बेच सकती है। यह पहचान 10 वर्षों की अवधि के लिए वैध है, जिसके बाद इसका नवीनीकरण कराया जा सकता है। जीआई पहचान वाले मशहूर भारतीय उत्पादों में बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी कपड़ा, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजौर पेंटिंग, फर्रुखाबाद प्रिंट, लखनऊ जरदोजी और कश्मीर अखरोट की लकड़ी की नक्काशी शामिल हैं।

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