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क्या होता है Windfall Tax? जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम पर पड़ता है असर; जानें आज का रेट

Windfall Tax: एक बार देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार को बेहद खुशी हो रही है कि कंपनियां अच्छी प्रॉफिट कमा रही हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि उसमें से एक हिस्सा देश की आम जनता के लिए उनसे वसूला जाए और फिर ऐसे सरकार ने विंडफॉल टैक्स को इम्पोज कर दिया।

What is windfall tax- India TV Paisa Image Source : PIXELS आज पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 96.72 रुपये है।

Price of Petrol and Diesel: केंद्र सरकार ने कच्चे तेल, डीजल और जेट ईंधन पर लगाए गए विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को कम कर दिया है क्योंकि वैश्विक बाजारों में तेल की कीमतों में नरमी आई है। बता दें, आज पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 96.72 रुपये है। कच्चे तेल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में लगाए गए टैक्स को 5,050 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,350 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। जेट ईंधन के निर्यात के मामले में स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को 6 रुपये लीटर से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स & कस्टम (CBIC) द्वारा जारी आदेश में इस बात की जानकारी दी गई है। अब यहां सवाल ये उठता है कि जब अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल के दाम बढ़ते हैं तो उसका असर भारतीय तेल बाजार पर भी पड़ता है और यहां भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो ऐसे में सरकार कंपनियों पर टैक्स क्यों इम्पोज करती है? और किस स्थिति में विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है?

क्या होता है विंडफॉल टैक्स?

विंडफॉल टैक्स सिर्फ कुछ समय के लिए सरकार ऐसी कंपनियों पर लगाती है जो किसी खास हालात के चलते रिकॉर्ड प्रॉफिट कमा रही हो। रूस-यूक्रेन यूद्ध के दौरान क्रूड तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी। यह पिछले 14 साल के सबसे उच्चतम स्तर था। यह बेहद सामान्य सी बात है कि किसी भी कंपनी को सबसे अधिक प्रॉफिट तब होता है जब उसके प्रोडक्ट की कीमत किसी कारणवश अचानक से बढ़ जाए और उसके चलते उसकी कीमत में बढ़ोतरी हो जाए। रूस-यूक्रेन यूद्ध में तेल कंपनियों के साथ ऐसा ही हुआ। इन कंपनियों के मुनाफे को लेकर एक बार देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार को बेहद खुशी हो रही है कि कंपनियां अच्छी प्रॉफिट कमा रही हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि उसमें से एक हिस्सा देश की आम जनता के लिए उनसे वसूला जाए और फिर ऐसे सरकार ने विंडफॉल टैक्स को इम्पोज कर दिया। 

बता दें, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पिछले साल विंडफॉल टैक्स लगाया गया था, जिससे तेल उत्पादकों को बड़ा मुनाफा हुआ था। सरकार हर पखवाड़े टैक्स की दरों की समीक्षा करती है ताकि टैक्स कलेक्शन में सुधार किया जा सके। रेवेन्यू सेकेरेटरी ने एक मीडिया बातचीत में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में विंडफॉल टैक्स से जुटाए गए पैसे 25,000 करोड़ रुपये होने के अनुमान है।

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