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गेहूं की पैदावार इस साल होगी धमाकेदार, सबसे ज्यादा इन तीन राज्यों में की गई है खेती

फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.055 करोड़ टन रहा, जबकि पिछले वर्ष 10. 77 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।

फसल अच्छी स्थिति में है और अब तक फसल को किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। - India TV Paisa Image Source : PIXABAY फसल अच्छी स्थिति में है और अब तक फसल को किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है।

देश में गेहूं की पैदावार इस साल अच्छी होने की उम्मीद है। कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस बात का भरोसा देते हुए कहा कि अक्टूबर में शुरू हुई रबी (सर्दियों) की मुख्य फसल गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है। साथ ही देश के तीन राज्य-उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब ऐसे राज्य हैं जहां गेहूं की अधिकतम क्षेत्र में खेती की गई है। भाषा की खबर के मुताबिक, मुंडा ने कहा कि बुआई के आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं की काफी क्षेत्र में खेती की गई है और हमें इस साल अच्छी पैदावार की उम्मीद है।

गेहूं पैदावार का बना सकता है नया रिकॉर्ड

खबर के मुताबिक, कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) के चालू रबी के मौसम के आखिरी सप्ताह तक गेहूं की फसल का कुल रकबा 336.96 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि एक साल पहले यह 335.67 लाख हेक्टेयर था। भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अशोक के.मीना ने बीते 3 जनवरी को संकेत दिया था कि देश चालू फसल वर्ष 2023-24 में 11.4 करोड़ टन गेहूं पैदावार का नया रिकॉर्ड बना सकता है, बशर्ते मौसम की स्थिति सामान्य रहे। फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.055 करोड़ टन रहा, जबकि पिछले वर्ष 10. 77 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।

मौजूदा ठंडे मौसम की स्थिति फसल के लिए अच्छी

गेहूं की फसल की इस साल की संभावनाओं को लेकर कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फसल अच्छी स्थिति में है और अब तक फसल को किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा ठंडे मौसम की स्थिति गेहूं और दूसरी रबी फसलों के लिए अच्छी है। इस बीच, कृषि मंत्रालय ने किसानों को बुआई पूरी होने के बाद गेहूं की फसल की देखभाल में मदद करने के लिए नियमित परामर्श जारी करना शुरू कर दिया है। सबसे नया परामर्श 16-30 जनवरी की अवधि के लिए जारी किया गया।

‘नाइट्रोजन’ उर्वरक का इस्तेमाल पूरा करने को कहा

मंत्रालय ने किसानों से बुआई के 40-45 दिन बाद तक ‘नाइट्रोजन’ उर्वरक का इस्तेमाल पूरा करने को कहा है। नजीजें शानदार हों, इसके लिए किसानों को सिंचाई से ठीक पहले यूरिया डालने को कहा गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने 16-30 जनवरी के दौरान भारत के पूर्वोत्तर और मध्य क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। साथ ही कहा गया है कि आने वाले सप्ताह में तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।

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