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Hindi News पैसा बिज़नेस Home loan, कार लोन की EMI कब घटेगी? आ गई फाइनल डेट

Home loan, कार लोन की EMI कब घटेगी? आ गई फाइनल डेट

लंबे समय से लोन की ईएमआई कम होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। फाइनली लोन की ईएमआई कब कम होगी, इस बात की जानकारी मिल गई है। दुनियाभर समेत भारत में महंगाई कम होने से लोन सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है।

Loan EMI Down - India TV Paisa Image Source : FILE लोन की ईएमआई घटेगी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक साल से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। वहीं, मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच पॉलिसी दर में 250 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी। इससे होम लोन, कार लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं। लोन लेने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज चुकाना पड़ रहा है। अब लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर आ गई है। खुदरा महंगाई घटने से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, RBI वित्तवर्ष 2025 की पहली तिमाही के अंत तक अपना रुख बदलेगा और इसके बाद तीसरी तिमाही में दरों में कटौती करेगा। यानी साल के अंत तक ईएमआई घटनी शुरू हो जाएगी। 

खुदरा महंगाई आरबीआई के लक्ष्य में आई 

भारत की जनवरी सीपीआई मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई) उम्मीदों के अनुरूप घटकर 5.1 प्रतिशत पर आ गई, जबकि मुख्य मुद्रास्फीति 3.5 प्रतिशत पर कम रही। क्रमिक रूप से हेडलाइन मुद्रास्फीति में 0.1 प्रतिशत (दिसंबर : -0.3 प्रतिशत) की गिरावट आई। पहले सब्जियों, इसके बाद फलों, मसालों, दालों, तेल और वसा के दाम में गिरावट देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, जनवरी में अनाज, मांस और मछली और अंडे की कीमतें बढ़ीं। पिछले कुछ महीनों में टिकाऊ मुद्रास्फीति (बढ़ी हुई) और खाद्य और पेय पदार्थ मुद्रास्फीति (सब्जियों और फलों को छोड़कर) में गिरावट का रुख रहा है। जैसा कि अपेक्षित था, मुद्रास्फीति की गति में नरमी आनी शुरू हो गई है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिकूल मौसम की घटनाओं से खाद्य कीमतों पर असर पड़ने और लाल सागर संघर्ष (अन्य भू-राजनीतिक तनावों के बीच) के कारण ऊर्जा की कीमतों पर असर पड़ने के कारण अनिश्चितता बनी हुई है। इससे रेपो रेट में कटौती का रास्ता साफ होना शुरू हो गया है। 

तीसरी तिमाही में होगी रेपो रेट में कटौती 

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, हम उम्मीद करते हैं कि पहली रेपो दर में कटौती केवल वित्तवर्ष 25 की तीसरी तिमाही में होगी, जो खाद्य कीमतों के दबाव को कम करने और यूएस फेड के दर में कटौती चक्र वित्तवर्ष 24 की दूसरी छमाही पर आधारित होगी। दर में कटौती से पहले हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई वित्तवर्ष 25 की पहली तिमाही के अंत तक अपना रुख बदलकर तटस्थ कर देगा। तरलता के मोर्चे पर हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई रात्रिकालीन दरों को रेपो दर के करीब लाने के लिए प्रणाली में तरलता को दुरुस्त करना जारी रखेगा।

इनपुट: आईएएनएस

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