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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत पर बड़ा दांव खेल कर Apple ने एक तीर से लगाया दो निशाना, ड्रैगन से मिलेगी आजादी और बनेगा बाजार का बाजीगर

भारत पर बड़ा दांव खेल कर Apple ने एक तीर से लगाया दो निशाना, ड्रैगन से मिलेगी आजादी और बनेगा बाजार का बाजीगर

मार्केट के जानकारों का कहना है कि एप्पल की नजर भारत के बड़े स्मार्टफोन बाजार पर है। अभी भी भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एप्पल की बहुत ही कम हिस्सेदारी है।

Apple- India TV Paisa Image Source : INDIA TV एप्पल

आईफोन और मैकबुक बनाने वाली कंपनी एप्पल ने अपना पहला स्टोर आज मुंबई में खोल दिया। खुद कंपनी के सीईओ टिम कुक इस स्टोर के उद्घाटन के वक्त मौजूद थे। दूसरा स्टोर आज ही दिल्ली में खोला जाएगा। आपको बता दें कि Apple ने मुंबई के ब्रांद्रा कुर्ला काॅम्पलेक्स में अपना स्टोर खोला है। इस स्टोर में 100 कर्मचारी काम करेंगे और 20 भाषाओं में कस्टमर को सपोर्ट देंगे। इससे पहले एप्पल ने भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट पर बड़ा निवेश किया है। यह आईफोन मैन्युफैक्चरिंग बेंगलुरु में लगाया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि एप्पल भारत पर इतना बड़ा दांव क्यों लगा रहा है। तो आइए, आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं।

Image Source : India TVएप्पल

चीन से छुटकारा पाने की तैयारी

यह सच्चाई है कि चीन पर एप्पल की बड़ी निर्भरता है। अभी भी एप्पल आईफोन का मैन्युफैक्चरिंग, R&D और डेवलपमेंट सबसे ज्यादा चीन में होता है। ऐसा इसलिए कि एप्पल ने अपने उत्पादों का उत्पादन सबसे पहले चीन में शुरू किया था। अभी भी अधिकांश R&D वर्क चीन में होता है लेकिन कोरोना के बाद जिस तरह से सप्लाई चेन प्रभावित हुई, उसने एप्पल की आंखे खोल दी। उसे लगा कि सिर्फ चीन पर भरोसा कर नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में उसके लिए सबसे माकूल देश भारत लगा। इसके बाद एप्पल ने भारत की ओर रुख किया है। भारत में पीएलआई स्कीम, सस्ता मैन पावर और आसान नीतिया एप्पल को पंसद आई। अब वह जल्द से जल्द चीन से निकलना चाह रहा है। इसलिए वह भारत में बड़ा निवेश कर रहा है।

भारत के बड़े स्मार्टफोन बाजार पर नजर

मार्केट के जानकारों का कहना है कि एप्पल की नजर भारत के बड़े स्मार्टफोन बाजार पर है। अभी भी भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एप्पल की बहुत ही कम हिस्सेदारी है। ऐसे में एप्पल भारत में स्टोर खोलकर और मैन्युफैक्चरिंग कर अपना भरोसा और मजबूत करना चाहता है। इसी कड़ी में उसने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट और स्टोर खोले हैं। इसी कड़ी में एप्पल अपने तमाम लेटेस्ट स्मार्टफोन का निर्माण अब भारत में करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि सिर्फ एप्पल ही नहीं बल्कि उसके मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स, फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन कॉर्प और अन्य न केवल भारत में अपनी सुविधाओं को स्थानांतरित करने के इच्छुक हैं, बल्कि नए लॉजिस्टिक समाधान और आपूर्ति श्रृंखलाओं के विस्तार पर जोर दे रहे हैं। आपको बता दें कि एप्पल के 7 फीसदी आईफोन का निर्माण अब भारत में हो रहे हैं।

मैकबुक का भी प्रोडक्शन करने की योजना

एप्पल आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग तक भारत में सीमित नहीं रहना चाहता है। वह मैकबुक समेत अपने दूसरे प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग भी भारत में करने की योजना बना रहा है। ऐसा कर ही वह चीन पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है। इसकी शुरुआत हो भी गई है। वैश्विक आईफोन सप्लाई में चीन की हिस्सेदाी तेजी से घट रही है। वहीं, भारत से बढ़ रही है।

और सबसे अहम...तेजी से बढ़ रहा कारोबार

जानकारों का कहना है कि एप्पल ने भारत पर दांव आंख मूंदकर नहीं लगाया है। उसे भारत जैसा बड़ा बाजार मिल गया है जो तेजी से उसके रेवन्यू ग्रोथ के लक्ष्य को पाने में सपोर्ट कर रहा है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष FY22 में, Apple इंडिया का शुद्ध लाभ y-o-y 3% बढ़कर 1,263 करोड़ रुपये हो गया, जबकि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत कंपनियों के रजिस्ट्रार के साथ फाइलिंग के अनुसार, वर्ष के दौरान परिचालन से इसका राजस्व 45.8% बढ़कर 33,313 करोड़ रुपये हो गया। ऐसे में भारत एप्पल के लिए बड़ा अवसर बन गया है। वह उस मौके को छोड़ना नहीं चाहता है और अपना पूरा जोर भारतीय बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने पर लगा रहा है।

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