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Hindi News पैसा गैजेट Yoga guru बाबा रामदेव का Kimbho app ठंडे बस्ते में, पतंजलि आशावान

Yoga guru बाबा रामदेव का Kimbho app ठंडे बस्ते में, पतंजलि आशावान

पतंजलि आयुर्वेद ने किंभो एप (Kimbho app) को पिछले साल काफी प्रचार-प्रसार के बाद लांच किया था।

Yoga guru Ramdev's Kimbho app in hibernation, Patanjali still hopeful- India TV Paisa Yoga guru Ramdev's Kimbho app in hibernation, Patanjali still hopeful

नई दिल्ली। योग गुरु रामदेव ने स्वदेशी मैसेजिंग एप लांच करने की बात कही थी, जिसका उद्देश्य फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप को टक्कर देना था। लेकिन पिछले साल इसे गोपनीयता की वजह से एप स्टोर से हटा लिया गया था और यह अब भी ठंडे बस्ते में है। कंपनी के एक कार्यकारी ने यह जानकारी दी। 

पतंजलि आयुर्वेद ने किंभो एप (Kimbho app) को पिछले साल काफी प्रचार-प्रसार के बाद लांच किया था। इसके तहत चैट, मल्टीमीडिया, वायस और वीडियो कालिंग के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा देने का वादा किया गया था। ​किंभो संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है 'कैसे हैं' या 'नया क्या है'। उपयोगकर्ताओं ने जब सुरक्षा चिंता जैसे सवाल उठाए तो एप को गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से हटा लिया गया। 

इसके बाद एक परीक्षण के लिए इस एप को अगस्त में फिर से लाया गया और पतंजलि आयुर्वेद ने वादा किया कि इसका फाइनल वर्जन कुछ दिनों में आ जाएगा, हालांकि यह अब तक नहीं आया। पतंजलि में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अभिताब सक्सेना ने कहा कि किंभो एप अभी ठंडे बस्ते में है। 

सक्सेना ने आईएएनएस से कहा, "अगर इस संबंध में कुछ नया होगा तो बाबा रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करेंगे। अभी किंभो एप ठंडे बस्ते में है।"

उनसे जब पूछा गया कि एप की वर्तमान स्थिति क्या है और भविष्य की योजनाएं क्या हैं इस पर सक्सेना ने कहा कि यह 'गोपनीय' है। उन्होंने कहा, "अगर कुछ होता है तो हम इसका अपडेट देंगे। केवल बालकृष्ण जी एप के बारे में साफ तस्वीर रख सकते हैं।" वाट्सएप की तरह मैसेजिंग एप चलाने के लिए उच्च स्तर के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है। 

वाट्सएप की तरह मैसेजिंग एप चलाने के बारे में देश के प्रमुख सोशल मीडिया विशेषज्ञ अनूप मिश्रा ने कहा, "इसके लिए ओपन सोर्स एक्सपर्ट, क्लाउड एवं कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क एक्सपर्ट, डाटा इंजीनियर, कोर डेवलपर की टीम, एपीआई डेवलपर, यूजर इंटरफेस डेवलपर, टेस्टिंग टीम और यूजर डाटा सिमुलेशन टीम की जरूरत होती है।"

पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला से जब एप की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। क्या पतंजलि पूरी तैयारी के साथ इस एप को लांच करने की कोशिश करेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कंपनी अभी भी आशावान है और इसने एप लांच नहीं करने के संबंध में अब तक कोई बयान नहीं दिया है। 

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