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Hindi News पैसा गैजेट YouTube ने क्रिएटर्स को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उठाया कदम, नहीं दिखाएगा अब डिसलाइक

YouTube ने क्रिएटर्स को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उठाया कदम, नहीं दिखाएगा अब डिसलाइक

कंपनी के मुताबिक यह कदम वीडियो बनाने वालों को प्रोत्साहित करने के साथ ही साथ ट्रोलर्स द्वारा प्रताड़ना और हमलों से बचाने के लिए किया है।

<p>YouTube अब नहीं दिखाएगा...- India TV Paisa Image Source : YOUTUBE YouTube अब नहीं दिखाएगा वीडियो पर कितने मिले “डिसलाइक”, क्रिएटर्स को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उठाया कदम

वीडियो प्लेटफॉर्म YouTube के वीडियो को अक्सर डिसलाइक की संख्या के आधार पर ट्रोल किया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल अब यूट्यूब वीडियो को मिले डिसलाइक की संख्या को प्राइवेट करने जा रही है। यानि अब सभी यूजर्स को डिसलाइक की संख्या नहीं दिखाई देगी। हालांकि क्रिएटर डिसलाइक की संख्या देख सकेंगे। 

कंपनी के मुताबिक यह कदम वीडियो बनाने वालों को प्रोत्साहित करने के साथ ही साथ ट्रोलर्स द्वारा प्रताड़ना और हमलों से बचाने के लिए किया है। कंपनी ने कहा है कि यूट्यूब पर वीडियो को कितने लोगों ने डिसलाइक किया है, यह अब लोगों को नजर नहीं आएगा। कुछ देशों में फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी लोगों को यह फीचर बंद करने का विकल्प दे रखा है।

भारत सहित दुनिया भर में यूट्यूब पर वायरल वीडियो अथवा सोशल मीडिया पोस्ट को मिले लाइक और डिसलाइक के आधार पर काफी ट्रोल किया जाता है। यह हमले कई बार क्रिएटर्स पर व्यक्तिगत रूप से भी होते हैं। जिसके चलते कंपनी ने पहले वैकल्पिक रूप से वीडियो से डिसलाइक बटन को डिसेबल करने की सुविधा दी थी। लेकिन अब क्रिएटर्स की पुरानी मांग पूरी करते हुए यूट्यूब ने डिसलाइक की संख्या को छिपाने का फैसला किया है।

अब क्या होगा?

गूगल के वीडियो शेयरिंग प्लैटफॉर्म यूट्यूब पर दर्शक अब भी किसी वीडियो को डिसलाइक तो कर पाएंगे लेकिन उन्हें ये नजर नहीं आएगा कि बाकी कितने लोगों ने उसे डिसलाइक किया है। एक बयान में यूट्यूब ने कहा, "दर्शकों को रचनाकारों के बीच एक स्वस्थ संवाद को बढ़ाना देने के लिए हमने डिसलाइक बटन के साथ प्रयोग किया था ताकि आंका जा सके कि इस बदलाव से रचनाकारों को परेशान करने वालों से बचाया जा सकता है और डिसलाइक के रूप में होने वाले हमलों को टाला जा सकता है या नहीं।” कंपनी ने कहा कि इस प्रयोग के आंकड़ों से पता चला कि डिसलाइक हमलों में कमी आ गई।

तेजी से बढ़ रहे हैं परेशान करने के मामले 

दुनियाभर में ऑनलाइन हरासमेंट के मामलों में तेज बढ़त देखी गई है। राजनेता, अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार शिकायत कर रहे हैं कि सोशल मीडिया साइट चलाने वाली कंपनियां इस बारे में कोई गंभीर कदम नहीं उठा रही हैं। इन्हीं विवादों के चलते फेसबुक को हाल ही में कई बड़े हमले झेलने पड़े हैं. उसकी एक पूर्व कर्मचारी ने कंपनी के दस्तावेज लीक करते हुए दावे किए कि कंपनी जानती है कि उसका बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

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