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Hindi News पैसा बाजार कपास उत्पादन अनुमान में 5 लाख गांठ की कटौती, खपत और एक्सपोर्ट भी होगा ज्यादा: CAI

कपास उत्पादन अनुमान में 5 लाख गांठ की कटौती, खपत और एक्सपोर्ट भी होगा ज्यादा: CAI

कपास उत्पादन में कमी, खपत ज्यादा होने और एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी से इसकी सप्लाई सीमित हो सकती है जिससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है

cotton production estimate for 2017-18- India TV Paisa CAI cuts cotton production estimate for 2017-18

नई दिल्ली। देश में कपास इंडस्ट्री के संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) ने चालू फसल वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए कपास के उत्पादन अनुमान में 5 लाख गांठ (170 किलो) की कटौती की है। CAI ने अपने ताजा अनुमान में कहा है कि इस साल देश में 362 लाख गांठ कपास पैदा हुआ है, इससे पहले एसोसिएशन ने 367 लाख गांठ कपास की फसल का अनुमान लगाया था।

किस राज्य में कितना उत्पादन

अपनी ताजा रिपोर्ट में CAI ने ते आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में फसल के अनुमान में कटौती की है जिस वजह से पूरे देश का उत्पादन अनुमान कम हुआ है, एसोसिएशन के मुताबिक इस साल आंध्र प्रदेश में 19 लाख और कर्नाटक में 18 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है, पहले आंध्र प्रदेश में 21 और कर्नाटक में 20 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। एसोसिएशन के ताजा अनुमान के मुताबिक इस साल गुजरात में 105 लाख, महाराष्ट्र में 81 लाख, मध्य प्रदेश में 21 लाख, हरियाणा में 24 लाख, राजस्थान में 21 लाख, पंजाब में 11 लाख, तेलंगाना में 53 लाख, तमिलनाडू में 5 लाख और अन्य राज्यों में 4 लाख गांठ कपास पैदा होने का अनुमान है।

खपत ज्यादा और निर्यात भी बढ़ेगा

CAI ने एक तरफ कपास उत्पादन अनुमान घटाया है और दूसरी तरफ इस साल खपत के अनुमान को 10 लाख गांठ बढ़ाकर 330 लाख गांठ रहने की संभावना जताई है। इसी तरह निर्यात के अनुमान को भी 55 लाख गांठ से बढ़ाकर 60 लाख गांठ कर दिया गया है।

कैरी ओवर स्टॉक में आएगी कमी

CAI के मुताबिक उत्पादन में कमी, ज्यादा खपत और ज्यादा निर्यात की वजह से इस साल सितंबर अंत तक कपास के कैरी ओवर स्टॉक में करीब 22 लाख गांठ कमी आने का अनुमान है, पहले 42 लाख गांठ कैरी ओवर स्टॉक का अनुमान था जिसे अब घटाकर 20 लाख गांठ कर दिया गया है।

बढ़ सकती हैं कीमतें

कपास के कम उत्पादन और ज्यादा खपत से आने वाले दिनों में इसकी सप्लाई प्रभावित हो सकती है, जानकारों के मुताबिक एक्सपोर्ट बड़ने की वजह से आगे चलकर कपास की कीमतों में उठाव आ सकता है। अगर कीमतें ज्यादा बढ़ीं तो कपास से जुड़े सामान के दाम भी बढ़ सकते हैं

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