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Hindi News पैसा बाजार खाने के तेल ने बिगाड़ा बजट, एक साल में 50% तक बढ़ा दाम

खाने के तेल ने बिगाड़ा बजट, एक साल में 50% तक बढ़ा दाम

रबी सीजन के दौरान देश में तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और साथ में खरीफ सीजन में भी रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है। लेकिन भारत में जितना तिलहन पैदा होता है उससे खाने के तेल की 30-35 प्रतिशत ही जरूरत पूरी होती है

<p>खाने के तेल की कीमतों...- India TV Paisa Image Source : FILE खाने के तेल की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, एक साल के अंदर दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं

नई दिल्ली। महंगी सब्जियों की मार से पहले की आम आदमी की रसोई का बजट हिला हुआ है और ऊपर से खाने के तेल भी महंगे हो चुके हैं। हालात ये हो चुके हैं कि एक साल में इक्का दुक्का शहरों में तो खाने के तेल का दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है। उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक साल पहले पैक किए हुए सरसों के तेल का रिटेल दाम 90 रुपए प्रति किलो था और अब यह बढ़कर 135 रुपए प्रति किलो हो गया है। पिछले एक साल के अंदर दिल्ली, लखनऊ और पटना में भी सरसों तेल का दाम 28 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है जबकि भोपाल में 22 प्रतिशत से ज्यादा और कानपुर में 14 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक सिर्फ सरसों तेल ही नहीं बल्कि एक साल के अंदर मूंगफली तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल और पाम तेल की कीमतों में भी जोरदार बढ़ोतरी हुई है। जानकारों के मुताबिक विदेशी बाजारों में तेल और तिलहन की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी हुई है इसका असर घरेलू मार्केट में खाने के तेल की कीमतों पर पड़ा है। देश में तेल और तिलहन उद्योग के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता के मुताबिक भारत को खाने के तेल की जरूरत पूरा करने के लिए लगभग 70 प्रतिशत खाने का तेल आयात करना पड़ता है, क्योंकि विदेशों में खाने के तेल के दाम बढ़ गए हैं इसी वजह से भारत में भी कीमतों पर असर पड़ा है। बी वी मेहता का मानना है कि दिसंबर तक खाने के तेल की कीमतों में कुछ नरमी आना शुरू हो जाएगी क्योंकि खरीफ तिलहन की बाजार में सप्लाई बढ़ सकती है।

रबी सीजन के दौरान देश में तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और साथ में खरीफ सीजन में भी रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है। लेकिन भारत में जितना तिलहन पैदा होता है उससे खाने के तेल की 30-35 प्रतिशत ही जरूरत पूरी होती है, और विदेशों से आयात करना पड़ता है जहां पर खाने के तेल के दाम बढ़ चुके हैं, यही वजह है देश में तिलहन के बंपर उत्पादन के बावजूद खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।

देश में तिलहन के उत्पादन की बात करें तो कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल खरीफ सीजन में कुल 257.29 लाख टन तिलहन पैदा होने का अनुमान है जिसमें 135.83 लाख टन सोयाबीन, 95.35 लाख टन मूंगफली और बाकी अन्य तिलहन हैं। बीते रबी सीजन के दौरान भी 111.06 लाख टन तिलहन का उत्पादन हुआ था जिसमें 91.16 लाख टन सरसों और 17.28 लाख टन सोयाबीन था।

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