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Hindi News पैसा बाजार एफपीआई ने फरवरी में 14,600 करोड़ किया निवेश, बैंक शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपए

एफपीआई ने फरवरी में 14,600 करोड़ किया निवेश, बैंक शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपए

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों एफपीआई ने कराधान को लेकर स्पष्टता के बीच इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों में 14,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।

एफपीआई ने फरवरी में 14,600 करोड़ किया निवेश, बैंक शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपए- India TV Paisa एफपीआई ने फरवरी में 14,600 करोड़ किया निवेश, बैंक शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपए

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों एफपीआई ने कराधान को लेकर स्पष्टता के बीच इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों में 14,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। वहीं, म्यूचुअल फंडों का बैंक शेयरों में निवेश जनवरी के आखिर में बढ़कर 1.16 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।

  • चार महीने अक्टूबर-जनवरी में विदेशी निवेशकों ने इक्विटी व ऋण खंडों से कुल मिलाकर 80,310 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी।
  • इससे पहले सितंबर 2016 में एफपीआई ने पूंजी बाजार में 20,000 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
  • डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार 1-23 फरवरी के दौरान एफपीआई ने इक्विटी में 9,359 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया।
  • इसी दौरान रिण खंड में 5,279 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया गया था जिससे कुल निवेश 14,638 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।

फंड्सइंडिया डॉट कॉम की प्रमुख म्युचुअल फंड रिसर्च विद्या बाला ने कहा, जनवरी 2017 में शुद्ध विक्रेता रहने के बाद एफपीआई ने बजट के बाद निवेश किया है। विशेषकर अप्रत्यक्ष स्थानांतरण पर कर के साथ साथ पूंजीगत लाभ कराधान पर स्पष्टता से उनके रख में बदलाव आया है।

बैंक शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपए

  • म्यूचुअल फंडों का बैंक शेयरों में निवेश जनवरी में बढ़कर 1.16 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
  • वहीं, म्यूचुअल फंड प्रबंधकों ने एक साल पहले समान अवधि में बैंकिंग शेयरों में 78,644 करोड़ रुपए का आवंटन किया था।
  • क्वांटम म्यूचुअल फंड के एसोसिएट फंड मैनेजर इक्विटी निलेश शेट्टी ने कहा, हम एनपीए के निचले स्तर के पास पहुंच रहे हैं और मूल्यांकन उतना महंगा नहीं है।
  • इसलिए हो सकता है कि फंडों ने इस क्षेत्र में लिवाली को वरीयता दी है।

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