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Hindi News पैसा बाजार आपके सोचने से पहले ही शेयर की हो जाएगी खरीद-फरोख्त, रिटेल निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग की इजाजत पर हो रहा है विचार

आपके सोचने से पहले ही शेयर की हो जाएगी खरीद-फरोख्त, रिटेल निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग की इजाजत पर हो रहा है विचार

एल्गो ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर बाजार में निवेशक अपने सौदों को कई गुना ज्यादा तेजी से डाल सकेंगे, अभी तक संस्थागत निवेशकों को ही इसकी इजाजत है

आपके सोचने से पहले ही शेयर की हो जाएगी खरीद-फरोख्त, रिटेल निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग की इजाजत पर हो रहा है विचार- India TV Paisa आपके सोचने से पहले ही शेयर की हो जाएगी खरीद-फरोख्त, रिटेल निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग की इजाजत पर हो रहा है विचार

नई दिल्ली। अगर आप भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है, शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी रिटेल निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग की इजाजत देने पर विचार कर रहा है। अंग्रेजी समाचार पत्र ईटी की खबर के मुताबिक सेबी फिलहाल इस प्रक्रिया पर विचार कर रहा है कि रिटेल निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग में किस हद तक इजाजत दी जाए। जल्दी ही इसपर फैसला होने की संभावना जताई जा रही है।

एल्गो ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर बाजार में निवेशक अपने सौदों को कई गुना ज्यादा तेजी से डाल सकेंगे, अभी तक देश में सिर्फ संस्थागत निवेशकों को ही एल्गो ट्रेडिंग के तहत कारोबार की इजाजत है, लेकिन रिटेल निवेश इसके जरिए अपना ट्रेड नहीं डाल सकते। रिटेल निवेशकों की कई संस्थाएं इसको लेकर आवाज भी उठा चुकी हैं, कई संस्थाओं का कहना है कि रिटेल कारोबारी या निवेशक किसी शेयर को खरीदने या बेचने के बारे में जबतक सोचता है और अपना सौदा डालता है तबतक एल्गो ट्रेडिंग की मदद से संस्तागत कारोबारी या निवेशक अपना काम कर चुके होते हैं, ऐसे में रिटेल निवेशकों को फायदा नहीं होता। लेकिन अब सेबी रिटेल निवेशकों को भी एल्गो ट्रेडिंग में इजाजत देने पर विचार कर रहा है।

भारतीय शेयर बाजारों में मौजूदा समय में जितना कारोबार होता है उसका करीब 43 फीसदी एल्गो ट्रेडिंग के जरिए किया जाता है। अमेरिकी शेयर बाजारों में एल्गो ट्रेडिंग के जरिए करीब 90 फीसदी करोबार होता है जबकि वैश्विक स्तर पर इसका औसत करीब 75 फीसदी है।

एल्गो ट्रेडिंग में सॉफ्टवेयर की मदद से ट्रेडिंग की जाती है, कारोबारी या निवेशक को सिर्फ मन बनाना होता है कि कौन का शेयर खरीदें और कौन सा बेचें, पलक झपकने से पहले सॉफ्टवेयर सौदा पूरा कर चुका होता है। वहीं सामान्य ट्रेड की बात करें तो उसमें समय लगता है।

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