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Memory full: सेबी के सर्वर में सहारा के डॉक्यूमेंट्स के लिए जगह नहीं, शुरू हुई वेंडर की तलाश

बहुचर्चित सहारा मामले में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को डॉक्यूमेंट्स को संभालने के लिए सर्वर होस्टिंग वेंडर की तलाश है।

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नई दिल्ली। बहुचर्चित सहारा मामले में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को डॉक्यूमेंट्स को संभालने के लिए सर्वर होस्टिंग वेंडर की तलाश है। मार्केट रेग्युलेटर के पास स्कैन किए गए 20 करोड़ पन्नों के लिए इलेक्ट्रानिक डेटा स्टोरेज और वेब एक्सेस सेवाएं उपलब्ध कराने की बड़ी चुनौती है। लंबे समय से चल रहे इस मामले में सहारा ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में सभी दस्तावेज और निवेशकों का पैसा सेबी के पास जमा कराने को कहा था। पैसा जमा नहीं करने की वजह से सहारा प्रमुख सुब्रत राय करीब डेढ़ साल से जेल में बंद हैं।

20 करोड़ पन्नों के स्टोरेज के लिए चाहिए वेंडर

अदालत ने सेबी को सहारा द्वारा जमा कराए गए डॉक्यूमेंट्स की जांच करने और उसके बाद निवेशकों का पैसा वापस करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय इस मामले में पिछले करीब 18 महीने से तिहाड़ जेल में हैं। सेबी विभिन्न प्लेटफॉर्म जैसे समाचार पत्रों और अपनी वेबसाइट के जरिए निवेशकों से रिफंड आवेदन मांग रहा है। दावों की सत्यता की जांच के बाद निवेशकों का धन लौटाने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया में सेबी ने पीडीएफ डॉक्यूमेंट्स के करीब 20 करोड़ पन्ने बना लिए हैं। पीडीएफ फाइलों सहित इलेक्ट्रानिक डेटा का कुल आकार 70 टेराबाइट है।

सेबी को चाहिए 70 टेराबाइट का स्टोरेज सिस्टम

इलेक्ट्रॉनिक डेटा स्टोरेज और वेब एक्सेस परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित करते हुए नियामक ने कहा कि सेबी किसी भी ऐसे पक्ष की सेवाएं लेगा, जो 70 टेराबाइट के इलेक्ट्रानिक डेटा का स्टोरेज और रखरखाव कर सकेगा। वेंडर को 70 टीबी के इलेक्ट्रानिक डेटा के स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। इसमें करीब 20 करोड़ पन्नों की पीडीएफ फाइलें भी शामिल हैं। यह अनुबंध शुरू में तीन साल के लिए होगा। बाद में इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।

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