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महज दो दिन में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का शेयर 40 फीसदी टूटा, अब क्या करें निवेशक

विडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इस हफ्ते के पहले दो कारोबारी सत्र में कंपनी का शेयर 40 फीसदी टूट गया है।

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नई दिल्ली। देश की बड़ी कंपनी विडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इस हफ्ते के पहले दो कारोबारी सत्र में कंपनी का शेयर 40 फीसदी टूट गया है। माना जा रहा है कि कंपनी के खराब नतीजों और बढ़ते कर्ज बोझ से कंपनी के शेयर में गिरावट आई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयर पिछले दो दिन से लोअर सर्किट पर है। ऐसे में नए निवशकों को इससे दूर रहना चाहिए। अगर किसी भी वजह से इसमें तेजी आती है तो मौजूदा निवेशकों को उछाल पर निकल जाना चाहिए।

शेयर का प्रदर्शन
विडियोकॉन का शेयर पिछले दो दिन में करीब 40 फीसदी, एक महीने में 37 फीसदी, छह और एक साल में 38 फीसदी टूट चुका है।#ModiGoverment3Saal: मोदी राज में निफ्टी छुएगा 10 हजार का स्तर, इन चुनिंदा शेयरों में बनेगा पैसा

क्यों आई गिरावट
एक्सपर्ट्क की मानें तो वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज में प्रोमोटर्स का कुल 66.04 फीसदी हिस्सा है, जबकि प्रोमोटर्स की कुल हिस्सेदारी का 99.26 फीसदी हिस्सा गिरवी है। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर कुल 45000 करोड़ रुपए का कर्ज है। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के कुल 45000 करोड़ रुपए में भारतीय बैंकों से 23900 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। साथ ही माना जा रहा है जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ सकता है। आपको बता दें कि अक्टूबर-दिसंबर में कंपनी ने 84 करोड़ रुपए से बढ़कर 510 करोड़ रुपए हो गया था।

किस बैंक का कितना कर्ज

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के कर्ज देने वाले बड़े बैंकों में आईडीबीआई बैंक 7984 करोड़ रुपये, एसबीआई 6912 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक 3750 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक 3080 करोड़ रुपये और सिंडिकेट बैंक 2550 करोड़ रुपये प्रमुख हैं।यह भी पढ़े: शेयरों में तेजी से पिछले तीन वर्ष में निवेशकों की पूंजी में हुआ 50 लाख करोड़ रुपए का इजाफा

क्यों बढ़ा कंपनी पर कर्ज का बोझ
कंपनी अपने कर्ज की समस्या के लिए टेलीकॉम कारोबार को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। धूत ने कहा, दूरसंचार कारोबार (दूरसंचार सहायक में पैरेंट कंपनी की इक्विटी समेत) में हमने कर्ज के जरिए निवेश किया था। उच्चतम न्यायालय की तरफ से लाइसेंस रद्द किए जाने से यह एनपीए बन गया। साल 2013 में उफान के समय दूरसंचार उद्यम के पास करीब 6500 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियां थी। पिछले साल मार्च में कंपनी ने भारती एयरटेल के साथ दूरसंचार स्पेक्ट्रम 4,428 करोड़ रुपए में बेचने के लिए करार किया। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के पास छह दूरसंचार सर्किल में 1800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का अधिकार है।यह भी पढ़ें : LIC को 2016-17 में 1,80,117 करोड़ रुपए की निवेश आय, सरकारी बॉन्डों से हुई कमाई

अब क्या करें निवेशक
सेठी फिनमार्ट के विकास सेठी के मुताबिक वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयर से दूर रहना चाहिए, इनके नतीजे बेहद खराब रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में किसी भी कारण से शेयर में तेजी आती है तो  मौजूदा निवेशकों को उछाल पर निकल जाना चाहिए।#ModiGoverment3Saal: मोदी के कार्यकाल में निवेशक हुए मालामाल, ऐसे 5 हजार रुपए लगाकर कमाए 3 लाख

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