A
Hindi News पैसा बाजार Share Maket की शानदार रिकवरी, 1400 अंक टूटने के बाद 581 अंक गिरकर सेंसेक्स बंद

Share Maket की शानदार रिकवरी, 1400 अंक टूटने के बाद 581 अंक गिरकर सेंसेक्स बंद

भारतीय बाजर में गुरुवार को बड़ी गिरावट अमेरिकी फेड के ब्याज दर में बढ़ोतरी फैसले के कारण आया है। इसके साथ ही ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर के करीब पहुंचने का असर भी भारतीय बाजार पर देखने को मिल रहा है।

<p>sensex</p>- India TV Paisa Image Source : FILE sensex

Highlights

  • निफ्टी भी 167.80 अंक टूटकर 17,110.15 अंक पर बंद हुआ
  • अच्छी कंपनियों में खरीदारी लौटने से बाजार की गिरावट में कमी आई
  • विशेषज्ञ आम बजट तक निवेशकों को सर्तक रहने की सलाह दे रहे हैं

नई दिल्ली। अमेरिकी फेड के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले से गुरुवार को बड़ी गिरावट बाद शेयर बाजार शानकर रिकवरी कर बंद हुआ। एक समय कारोबार के दौरान 1400 से अधिक अंक टूटने के बाद सेंसेक्स 581.21 अंक गिरकर 57,276.94 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी 167.80 अंक टूटकर 17,110.15 अंक पर बंद हुआ। वहीं, सुबह के कारोबार में  सेंसेक्स 1,400 अंक से अधिक टूटकर 57 हजार के नीचे पहुंच गया था। निफ्टी भी 400 अंक लुढ़कर 17,000 के नीचे चला गया था। हालांकि, इसके बाद बाजार में सुधार आया। 

क्यों आई बाजार में इतनी बड़ी गिरावट 

भारतीय बाजर में गुरुवार को बड़ी गिरावट अमेरिकी फेड के ब्याज दर में बढ़ोतरी फैसले के कारण आया है। इसके साथ ही ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर के करीब पहुंचने का असर भी भारतीय बाजार पर देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.93 प्रतिशत बढ़कर 89.12 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने का असर भी भारतीय बाजार पर देखने को मिला। 

आगे के लिए क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ

 मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि बाजार में और बड़ी गिरावट आने की आशंका है। आने वाले दिनों में निफ्टी 16,300 से लेकर 16,500 तक जा सकता है। ऐसे में निवेशकों को न्यू एज कंपनियों यानी (स्टार्टअप) से दूरी बनाने की जरूरत है। इसमें गिरावट गहरा सकती है। वहीं, सरकार का जोर ईवी पर है। ऐसे में इस सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों में निवेश करना बेहतर हो सकता है। इसके साथ रियल एस्टेट भी एक अच्छा सेक्टर है। बजट में इसको लेकर कई घोषणाएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अब बाजार अपने दम पर आगे बढ़ेगा। यानी केंद्रीय बैंकों द्वारा लिक्विटी के दम पर आई तेजी का दौर खत्म हो गया है। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनियों का ही चुनाव करें। 

Latest Business News