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Hindi News पैसा बाजार Grey Market Premium: LIC IPO का ग्रे मार्केट में प्रीमियम हुआ नकारात्मक, जानिए, कितने पर शेयर लिस्ट होने की उम्मीद

Grey Market Premium: LIC IPO का ग्रे मार्केट में प्रीमियम हुआ नकारात्मक, जानिए, कितने पर शेयर लिस्ट होने की उम्मीद

ग्रे मार्केट से जुड़े एक ट्रेडर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि एलआईसी आईपीओ का ग्रे मार्केट में प्रीमियम 93-95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंचा था। यह इसका सबसे उच्च स्तर था।

<p>LIC IPO</p>- India TV Paisa Image Source : FILE LIC IPO

Highlights

  • 93-95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंचा था ग्रे मार्केट में प्रीमियम
  • बुधवार को यह गिरकर नकारात्मक 15 रुपये प्रति शेयर पर आ गया
  • आईपीओ 17 मई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगा

Grey Market Premium: जीवन बीमा कंपनी (LIC) के आईपीओ का प्रीमियम ग्रे मार्केट (जीएमपी) में बुधवार को माइनस यानी नकारात्मक में पहुंच गया है। एलआईसी का आईपीओ 17 मई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाला है। ग्रे मार्केट से जुड़े एक ट्रेडर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि एलआईसी आईपीओ का ग्रे मार्केट में प्रीमियम 93-95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंचा था। यह इसका सबसे उच्च स्तर था। हालांकि, इसके बाद यह नीचे की ओर जाने लगा। उन्होंने कहा कि यह 5 मई को 8 रुपये से 10 रुपये प्रति शेयर के बीच कारोबार कर रहा था। 6 और 10 मई को यह बहुत अस्थिर था। बुधवार को यह 8-9 रुपये प्रति शेयर से गिरकर नकारात्मक 15 रुपये प्रति शेयर पर आ गया।
 

ग्रे मार्केट में प्रीमियम गिरने का क्या असर? 

ग्रे मार्केट में प्रीमियम नकारात्मक होने का मतलब है कि एलआईसी आईपीओ की लिस्टिंग लगभग 941 रुपये (₹949 - ₹8) होने की उम्मीद है। ग्रे मार्केट इंगित करता है कि एलआईसी आईपीओ इश्यू प्राइस से नीचे लिस्ट हो सकता है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए यह एक बेहतरीन निवेश होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे निवेशक लंबी अवधि के लिए इसमें निवेश करें। उन्हें शानदार रिटर्न मिलेगा। 

विदेशी निवेशकों के ठंडा रिस्पांस ने मूड खराब किया 

विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशकों की सुस्त प्रतिक्रिया की चिंताओं के बीच ग्रे मार्केट में एलआईसी आईपीओ का प्रीमियम नीचे गिरा है। आईपीओ को ज्यादातर खुदरा और घरेलू संस्थागत खरीदारों द्वारा सब्सक्राइब किया गया था। विदेशी निवेशकों की भागीदारी काफी कम है। आसमान छूती महंगाई के बाद वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा सख्त किए जाने की आशंका से उत्पन्न अस्थिरता ने भी निवेशकों को चिंतित किया है। 

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