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Hindi News पैसा बाजार साल 2023 के पहले मार्केट डे को बाजार ने दिखाया रंग, सेंसेक्स ने रिकॉर्ड उछाल के साथ शुरू किया बिजनेस

साल 2023 के पहले मार्केट डे को बाजार ने दिखाया रंग, सेंसेक्स ने रिकॉर्ड उछाल के साथ शुरू किया बिजनेस

साल के आखिरी कारोबारी दिन मार्केट धड़ाम से नीचे आ गिरा था। सेंसेक्स में 300 अंकों की गिरावट आई थी। निफ्टी भी बुरे हाल में बिजनेस कर रहा था। आज मार्केट खुल गया है।

साल 2023 के पहले मार्केट डे को बाजार ने दिखाया रंग- India TV Paisa Image Source : SHARE MARKET साल 2023 के पहले मार्केट डे को बाजार ने दिखाया रंग

कल नया साल का बिगुल बज गया। रविवार का दिन होने के चलते लोगों ने जमकर जश्न मनाया। अब आज बारी मार्केट की है कि शेयर बाजार से जुड़े निवेशक खुशी मना पाते हैं या नुकसान उठाने को मजबुर हो जाते हैं। साल 2023 का आज पहला दिन है जब मार्केट खुला है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने पहले ही दिन बढ़त दिखाई है। सेंसेक्स 115 अंक और निफ्टी 36 प्वाइंट की उछाल के साथ बिजनेस कर रहे हैं। इस समय सेंसेक्स और निफ्टी क्रमश: 60,955 और 19,095 पर टिके हुए हैं। 

साल के आखिरी मार्केट डे को कैसा था बाजार का हाल

साल के आखिरी मार्केट डे को सेंसेक्स 190 प्वॉइंट और निफ्टी में 61 अंकों की बढ़त के साथ खुला था, लेकिन मार्केट जब उस दिन बंद हुआ तब लाल रंग में चला गया। सेंसेक्स लगभग 300 अंकों की गिरावट के साथ 60,840 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 85 अंकों की गिरावट के साथ अंतिम कारोबारी दिन 18,105 पर बंद हुआ था।

विदेशी निवेश के हिसाब से कैसा रहा साल 2022?

विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में भारतीय शेयर बाजार में 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया। दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड संक्रमण के बावजूद यह लगातार दूसरा महीना था, जिसमें शुद्ध आवक हुई है। हालांकि, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) हाल के दिनों में सतर्क हो गए हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर के महीने में एफपीआई द्वारा निवेश किए गए 36,239 करोड़ रुपये की तुलना में दिसंबर में निवेश बहुत कम था। 

2022 विदेशी निवेश के हिसाब से सबसे खराब

मॉर्निंगस्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक और रिसर्च प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ''दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड के फिर से उभरने और अमेरिका में मंदी की चिंता के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजारों में एफपीआई (दिसंबर में) शुद्ध खरीदार बने रहे।'' इस दौरान कई निवेशकों ने भारतीय बाजारों में मुनाफावसूली भी की। एफपीआई ने कुल मिलाकर 2022 में भारतीय इक्विटी बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। एफपीआई आवक के लिहाज से यह सबसे खराब वर्ष था। इससे पहले तीन वर्षों में शुद्ध निवेश आया था।

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