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Hindi News पैसा बाजार Share Market की कमजोर शुरुआत, Sensex खुलते ही 461 अंक लुढ़का, निफ्टी भी 17,700 के नीचे

Share Market की कमजोर शुरुआत, Sensex खुलते ही 461 अंक लुढ़का, निफ्टी भी 17,700 के नीचे

सेंसेक्स में शामिल 30 में से सिर्फ 6 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं।

Share Market - India TV Paisa Image Source : FILE Share Market

Share Market की कमजोर शुरुआत हफ्ते के पहले कारोबारी दिन हुई है। सेंसेक्स खुलते ही 461.55 अंक लुढ़कर 59,184.60 अंक पर पहुंच गया है। निफ्टी भी 138.95 अंक टूटकर अपने अहम सपोर्ट को तोड़ते हुए 17,619.50 अंक पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स में शामिल 30 में से सिर्फ 6 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। शेयर बाजार में चैतरफा बिकवाली देखने को मिल रही है। बैंकिंग, ऑटो, आईटी, फार्मा और रियल्टी समेत सभी सेक्टर्स में गिरावट है। बैंक निफ्टी 1.08 फीसदी टूट गया है, जबकि निफ्टी आईटी 1.40 फीसदी और निफ्टी रियल्टी 1.53 फीसदी गिरा है। सेंसेक्स में POWERGRID, HINDUNILVR, TITAN, DRREDDY, RELIANCE और ITC में तेजी देखने को मिल रही है।

वैश्विक बाजार में भी गिरावट 


आज वैश्विक बाजार से भी कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका में एक बार फिर ब्याज दर बढ़ने की आशंका से हाउ जोंस और नैस्डैक में गिरावट देखने को मिल रही है। आई डाउ जोंस 300 अंक और नैस्डैक 260 अंक लुढ़क गया। एसजीएक्स निफ्टी भी 75 अंक टूटकर 17,669 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। यूरोपीय मार्केट में म‍िला-जुला रुख चल रहा है। एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। 

652 अंक टूटकर बंद हुआ था सेंसेक्स 

शुक्रवार को भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। सेंसेक्स 651.85 अंक यानी 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,646.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 823.43 अंक तक लुढ़क गया था। सेंसेक्स में पिछले पांच दिन से तेजी जारी थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी आठ दिन से जारी तेजी पर अंकुश लगा और यह 198.05 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 17,758.45 अंक पर बंद हुआ। 

मुनाफावसूली से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ‘‘कमजोर वैश्विक रुख के बीच मुनाफावसूली से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर चिंता का असर बाजार पर दिख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हाल में डॉलर सूचकांक में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के शुद्ध बिकवाल होने से तेजी पर अंकुश लगा। बिकवाली चैतरफा रही। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट से सूचकांक नीचे आया है।’’ 

 

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