A
Hindi News पैसा बाजार हफ्ते के पहले कारोबारी दिन टूटा शेयर बाजार, बैंकिंग, आईटी और ऑटो स्टॉक्स में बिकवाली

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन टूटा शेयर बाजार, बैंकिंग, आईटी और ऑटो स्टॉक्स में बिकवाली

शेयर बाजार में आज लगातार तीसरे दिन गिरावट रही। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध ने बाजार का मूड खराब करने का काम किया है। इसके चलते निवेशक डरे हुए हैं। वह इस वक्त काफी सावधानी से निवेश कर रहे हैं।

Share Market - India TV Paisa Image Source : FILE शेयर बाजार

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुए। बैंकिंग, आईटी और ऑटो स्टॉक्स में बिकवाली से बाजार में दबाब बना। पूरे दिन उतार-चढ़ाव के बाद बाजार अंत में गिरकर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 115.81 अंक टूटकर 66,166.93 अंक पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 19.30 अंक लुढ़ककर 19,731.75 अंक पर बंद हुआ। आपको बता दें कि एशियाई बाजारों के कमजोर रुख और पश्चिम एशिया में भूराजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच सोमवार को शुरुआती कारोबार में घरेलू बाजारों में गिरावट रही। घरेलू बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 317.01 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। 

इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही 

सेंसेक्स के शेयरों में नेस्ले, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, कोटक महिंद्रा बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर में प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं। 

वैश्विक बाजार में भी गिरावट 

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को मिला-जुला रुख रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, पश्चिम एशिया में जारी तनाव से शेयर बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में शामिल कंपनियों में खरीदारी देखी जा रही है। इसका कारण त्योहारी मांग तथा दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम अच्छा रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर कच्चे तेल के दाम में तेजी जारी रहती है, इससे परिचालन लागत पर असर पड़ेगा। इससे वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही में मार्जिन प्रभावित हो सकता है।

Latest Business News