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Hindi News पैसा बाजार घरेलू स्टॉक मार्केट में अगले सप्ताह होगी रौनक या रहेगा दबाव, जानें किस पर करेगा निर्भर

घरेलू स्टॉक मार्केट में अगले सप्ताह होगी रौनक या रहेगा दबाव, जानें किस पर करेगा निर्भर

सितंबर में देश की खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5 फीसदी पर पहुंच गई, जबकि फैक्ट्री आउटपुट 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

निवेशकों को ऑटो, वित्त और तेल एवं गैस जैसे क्षेत्रों से काफी उम्मीदें हैं।- India TV Paisa Image Source : REUTERS निवेशकों को ऑटो, वित्त और तेल एवं गैस जैसे क्षेत्रों से काफी उम्मीदें हैं।

घरेलू स्टॉक मार्केट (stock market) में अगले सप्ताह काफी हलचल देखने को मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजे, कच्चे तेल की कीमतें (crude oil price) और जियो पॉलिटिकल अनिश्चितता शेयर बाजार पर असर डालेंगे। इस सप्ताह आने वाली दिग्गज कंपनियों की कमाई की रिपोर्ट से बाजार की दिशा पर काफी असर पड़ेगा। पीटीआई की खबर के मुताबिक,साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां भी बाजार में कारोबार को प्रभावित करेंगी।

 विदेशी निवेशकों की गतिविधियां महत्वपूर्ण होंगी
खबर के मुताबिक, स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना का कहना है कि हाल ही में लगातार बिकवाली के सिलसिले को देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां महत्वपूर्ण होंगी। क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड में निरंतर बढ़ोतरी और इज़राइल-हमास संघर्ष के चलते अनिश्चित माहौल के कारण विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय इक्विटी से लगभग 9,800 करोड़ रुपये निकाले हैं।

बीते सप्ताह बाजार हरे निशान में बंद हुआ
पिछला सप्ताह बाज़ार (stock market) में उथल-पुथल भरा था, जिसमें महत्वपूर्ण घटनाएं और बहुत ज्यादा अस्थिरता देखने को मिली थी। बावजूद इसके, बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ, जिसका मुख्य कारण मजबूत घरेलू तरलता था। मध्य पूर्व संघर्ष पर चिंताएं जारी रहने के बावजूद, दूसरी तिमाही की आय पर सकारात्मक उम्मीदों और वैश्विक बॉन्ड में नरमी से प्रेरित होकर, भारतीय बाजार ने सुस्त शुरुआत से वापसी की।

सकारात्मक रुझान में थोड़ी कमी
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अनुमान से ज्यादा अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा जारी होने और इसके परिणामस्वरूप ट्रेजरी पैदावार में बढ़ोतरी ने सप्ताह के आखिर तक सकारात्मक रुझान को थोड़ा कम कर दिया है। नायर ने कहा कि व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) डेटा में महत्वपूर्ण गिरावट और प्रभावशाली औद्योगिक उत्पादन जैसे घरेलू कारकों ने व्यापक उम्मीद को बनाए रखने में मदद की।

खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर पर
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में देश की खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5 फीसदी पर पहुंच गई, जबकि फैक्ट्री आउटपुट 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, नायर ने कहा कि आईटी सेक्टर के कमजोर राजस्व के कारण नतीजे सीजन की कमजोर शुरुआत और कच्चे तेल की कीमतों(crude oil price) में बढ़ोतरी ने व्यापक बाजार रुझान को प्रभावित किया।

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