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Condition Apply: सस्‍ती एयर‍ टिकट का ऑफर भी पड़ सकता है महंगा, जानिए टैक्‍स का पूरा गणित

एयरलाइंस कंपनियों के ऑफर्स की ओर आकर्षित तो होते हैं, लेकिन वास्‍तव में उन्‍हें टिकट के लिए ज्‍यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।

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नई दिल्‍ली। नए साल पर छुट्टी मनाने की तैयारी कर रहे कार्तिक ने जब एयरलाइंस कंपनी का 999 रुपए में हवाई सफर का ऑफर देखा, तो वह फूला नहीं समाया। झटपट उसने टिकट बुक करनी शुरू की। लेकिन वास्‍तव में यह टिकट का मूल्‍य विज्ञापन में दिए गए फिगर के मुकाबले कहीं ज्‍यादा थी। कार्तिक की तरह कई और भी लोग एयरलाइंस कंपनियों के ऑफर्स की ओर आकर्षित तो होते हैं, लेकिन वास्‍तव में उन्‍हें टिकट के लिए ज्‍यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। हालांकि ये एयरलाइन्स कंपनी या कंप्यूटर सिस्टम की गलती नहीं है। एयरलाइंस टिकट्स में कई सारे टैक्‍स और अन्‍य चार्जेज जुड़े होते हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बता रही है उन चार्जेस के बारे में, जो वास्‍तव में आपकी सस्‍ती टिकट को महंगा बना देते हैं।

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15 से 20 फीसदी तक होते हैं टैक्‍स और चार्जेज

एयरलाइन्स ऑफर में जो टिकट की कीमत दिखती हैं टैक्स और दूसरे खर्च मिलाकर आपको यह टिकट 15 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक महंगी पड़ती है। मान लीजिए कि 25 दिसंबर को दिल्ली से मुंबई जाने वाली फ्लाइट का बेस फेयर 7,299 रुपए है लेकिन इसके लिए आपको करीब 1300 रुपए ज्यादा देने होंगे। 7299 के बेस फेयर में 676 रुपए यूडीएफ और 149 रुपए पैसेंजर यूजर फीस और 425 रुपए का सरकारी टैक्स चुकाना होगा। इन खर्चों को मिलाकर आपकी टिकट की कुल कीमत 8600 की होगी।

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क्‍या होता है बेस फेयर
बेस फेयर हवाई यात्रा के लिए वो कीमत होती है जिसमें फीस, टैक्स, और कोई सरचार्ज जोड़ा नहीं होता। सभी चार्जेस में से बेस फेयर और फ्यूल सरचार्ज एयरलाइन लेती हैं और बाकि अन्य चीजें सरकार और एयरपोर्ट ऑपरेटर लेते हैं। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए दो एयर लाइन्स है एक इंडिगो और दूसरी स्पाइजेट। इंडिगो की टिकट 7,038 रुपए है और स्पाइसजेट की 2,999 रुपए है।

बेस फेयर पर होती है छूट की गणना

जब छूट की घोषणा होती है, असल में वो बेस रेट पर होती है- जैसे कि अगर दिल्ली से मुंबई की टिकट 10,000 रुपए की है तो आप सोचते होंगे कि आपको 10,000 पर ही छूट मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं होता है। छूट केवल बेस फेयर पर मिलती है। तो 10,000 रुपए की टिकट का बेस फेयर 2500 रुपए है तो छूट 750 रुपए है। अब टिकट की कीमत 9,250 रुपए होगी।

टिकट में क्‍या-क्‍या होते हैं बड़े खर्च

फ्यूल सरचार्ज– एयरलाइन्स संचालन की कुल लागत में फ्यूल सरचार्ज काफी मदद करता है, इसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी  फ्यूल बिल की होती है जो कि 40 फीसदी तक का होता है। ये वैश्विक स्तर पर लगू किया जाता है। दुनिया भर की अधिकांश एयरलाइन्स अपने मूल टिकट में फ्यूल सरचार्ज को जोड़ती है।

यूजर डेवलेपमेंट फी (यूडीएफ)- एयरपोर्ट हर एक यात्री से यूडीएफ लेता है, ये चार्ज एयरकोर्ट ऑपरेटर एयरकोर्ट को बनाने के निवेश को रिकवर करने के लिए लिया जाता है। डोमेस्टिक अराइवल, डोमेस्टिक डिपार्चर, अंतरराष्ट्रीय डिपार्चर और अलग अलग एयरपोर्ट पर अलग चार्ज लिए जाते हैं।

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