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Hindi News पैसा फायदे की खबर Corporate FD vs Bank FD: कॉरपोरेट एफडी में बैंक से ज्यादा ब्याज लेकिन जोखिम भी ज्यादा, निवेश से पहले जान लें ये बातें

Corporate FD vs Bank FD: कॉरपोरेट एफडी में बैंक से ज्यादा ब्याज लेकिन जोखिम भी ज्यादा, निवेश से पहले जान लें ये बातें

आपको बता दें कि कंपनियां अपनी कारोबारी जरूरत को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट एफडी लाती हैं। इसमें एफडी की अवधि 6 माहीन से लेकर 5 साल या इससे भी ज्यादा होती है।

कॉरपोरेट एफडी- India TV Paisa Image Source : INDIA TV कॉरपोरेट एफडी

हाल के दिनों में ​बैंकों की ओर से फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज दरों में कई बार बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद कई बैंक एफडी पर 7 फीसदी से अधिक की दर से ब्याज दे रहे हैं। हालांकि, इसके मुकाबले अभी भी कॉरपोरेट एफडी पर ज्यादा ब्याज ऑफर किया जा रहा है। श्रीराम फाइनेंस अपने कॉरपोरेट एफडी पर 8.50 फीसदी से ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहा है। ऐसे में अगर आप एफडी कराने की तैयारी में है तो कॉरपोरेट एफडी, डाकघर की फिक्स्ड डिपॉजिट या बैंक एफडी के विकल्प में किसे चुनना सही होगा। आइए जानते हैं...

क्या है कॉरपोरेट एफडी 

आपको बता दें कि कंपनियां अपनी कारोबारी जरूरत को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट एफडी लाती हैं। इसमें एफडी की अवधि 6 माहीन से लेकर 5 साल या इससे भी ज्यादा होती है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कंपनियां कॉरपोरेट एफडी में ब्याज दर बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा देती है। हालांकि, यह कंपनियों के कारोबार से जुड़ी होती है, इसलिए इसमें बैंक की तुलना में जोखिम कुछ अधिक होता है। अगर कंपनी डिफाल्ट कर गई तो पैसा डूबने का डर होता है। वहीं, मजबूत और ज्यादा रेटिंग वाली कंपनियों की एफडी में जोखिम कम होता है। दूसरी ओर बैंक एफडी बैंकों द्वारा जारी की जाती है। इसमें जोखिम बहुत ही कम होता है। किसी हालात में बैंक के दिवालिया होने पर पांच लाख तक का एफडी पूरी तरह से सुरक्षिति होती है। इसकी सुरक्षा रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (DICGC) प्रदान करती है। इसका मतलब यह हुआ है कि अगर किसी कंडीशन में बैंक डिफाल्ट कर जाए तो आपके 5 लाख रुपये पर सरकार की गारंटी होगी।

Image Source : Bank Bazaarकॉरपोरेट एफडी

कॉर्पोरेट एफडी लेने से पहले इन बातों का रखें ख्याल

  1. किसी भी कंपनी की ओर से जारी कॉरपोरेट एफडी लेने से पहले उस कंपनी की रेटिंग चेक करें। कॉरपोरेट उसी कंपनी में लें जिसे एएए या एएए+ रेटिंग मिली हो। इससे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा। 
  2. कॉरपोरेट एफडी लेने से पहले कंपनी का कामकाज और कारोबारी क्षेत्र देखें। इसके साथ ही कम से कम पांच साल की बैलेंस शीट चेक करें। सब सही मिलने पर ही निवेश करें। 
  3. हमेशा कोशिश करें की आप उन्हीं कंपनियों के कॉरपोरेट एफडी में निवेश करें जो मुनाफा कमा रही हैं। 

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