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Hindi News पैसा फायदे की खबर इस कमाऊ फर्टिलाइजर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, आपके पास निवेश का है सुनहरा मौका

इस कमाऊ फर्टिलाइजर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, आपके पास निवेश का है सुनहरा मौका

केंद्र सरकार पैसे जुटाने के लिए एक बार फिर से एक कंपनी से अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इसकी मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही डील भी हो जाएगा।

फर्टिलाइजर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार- India TV Paisa Image Source : FILE फर्टिलाइजर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

केंद्र सरकार LIC के बाद से हिंदुस्तान जिंक से भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इन सब के बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है, जिसमें पता चला है कि सरकार अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली फर्टिलाइजर कंपनी हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) में अपनी अल्पांश इक्विटी हिस्सेदारी बेचने पर कोई फैसला लेने से पहले यह जानना चाहती है कि बड़े विदेशी कोषों की कंपनी में कितनी रुचि है। 

29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है सरकार की

एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के पास अभी हिंदुस्तान जिंक में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि 5.54 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। खनन क्षेत्र के दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड 64.92 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ हिंदुस्तान जिंक की प्रवर्तक है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने जस्ता उत्पादक कंपनी में सरकार के 124.79 करोड़ शेयर या 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है। 

सरकार को मिलेंगे करीब 39,000 करोड़ रुपये

मौजूदा 316 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए सरकार को करीब 39,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। अधिकारी ने कहा कि चूंकि कंपनी में सार्वजनिक हिस्सेदारी सिर्फ पांच प्रतिशत है, ऐसे में बड़े निवेशकों के लिए यह सौदा व्यवहार्य नहीं है। बड़े निवेशक कंपनी में एकमुश्त रकम डालते हैं। बाजार में शेयरों की उपलब्धता सीमित होगी। 

पहले आकलन करेगी सरकार

अधिकारी ने कहा, ‘‘मर्चेंट बैंकर पहले हिंदुस्तान जिंक में बड़े कोषों की रुचि का आकलन करेंगे। एक बार जब हमें मांग का सही अंदाजा हो जाएगा, तो हम समय और कितनी हिस्सेदारी बेची जा सकती है, इसपर फैसला करेंगे।’’ अधिकारी ने कहा कि बाजार का उच्चस्तर पर होना हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी बिक्री में बाधा नहीं बनेगा। हिस्सेदारी बिक्री बाजार में बकाया शेयरों पर निर्भर करेगी।’’ शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, शेयरों की संख्या के संदर्भ में, बैंकों जैसे विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिंदुस्तान जिंक में नगण्य हिस्सेदारी है। हालांकि, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (श्रेणी एक) की कंपनी में करीब 0.81 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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