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New Technology: घर बनाने में इस तकनीक का करें इस्तेमाल, कंस्ट्रक्शन लागत हो जाएगी आधी

New Technology: 3डी होम प्रिंटर से बने घर पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। इसकी वजह होती है कि घर के निर्माण से पहले उसका नक्शा कैड सॉफ्टवेयर के जरिए कंप्यूटर पर डिजाइन किया जाता है।

3d printing home - India TV Paisa Image Source : FILE 3d printing home

Highlights

  • 3डी होम प्रिंटर एक हाई टेक्‍नोलॉजी से लैस विशालकाय मशीन होती है
  • प्रिंट करने से पहले मशीन में मैटिरियल्‍स को फीड करना होता है
  • इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह घर की निर्माण लागत को कम कर देती है

New Technology: कोरोना के बाद घर बनाने की लागत तेजी से बढ़ी है। सीमेंट, छड़, ईंट, बालू समेत पेंट के दाम 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। ऐसे में अगर आप घर बनाने की लागत कम करना चाहते हैं तो आप नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हम बात कर रहे हैं 3डी होम प्रिंटर टेक्नोलॉजी की। इस तकनीक से भारत समेत दुनियाभर में घरों का निर्माण किया जा रहा है। आईआईटी-मद्रास के स्टार्टअप तवस्ता ने पिछले साल कैंपस में ही 3डी प्रिंटेड घर बनाया था। 600 वर्ग फुट का बिल्ट-अप एरिया वाले घर में एक बेडरूम, एक हॉल और एक किचन है। पूरे घर को सॉफ्टवेयर का उपयोग करके डिजाइन किया गया था और कंक्रीट 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके निर्माण किया गया था। आइए जानते हैं कि 3डी होम प्रिंटर कैसे काफी कम समय में घर का निर्माण करता है?

क्‍या है 3डी होम प्रिंटर?

3डी होम प्रिंटर एक हाई टेक्‍नोलॉजी से लैस विशालकाय मशीन होती है। इस मशीन का संचालन रोबोट द्वारा किया जाता है। इस मशीन को कम्प्यूटर के जरिए जोड़ना होता है। फिर कम्‍प्‍यूटर पर घर का 3डी डिजाइन बनाना होता है। इसके बाद कम्‍प्‍यूटर से मशीन को कमांड दिया जाता है और यह अलग-अलग हिस्‍सों में घर का निर्माण करता है।

कैसे काम करता है प्रिंटर?

प्रिंट करने से पहले मशीन में मैटिरियल्‍स को फीड करना होता है। 3डी होम प्रिंटर का प्रोसेस छोटे छोटे स्लाइस के हजारों टुकड़ों के माध्यम से पूरा किया जाता है। जब मशीन के माध्‍यम से प्रिंट किया जाता है तो ये टुकड़े एक दूसरे से जुड़ते चले जाते हैं। ये टुकड़े एक साथ जुड़कर एक सॉलिड हिस्‍से का रूप ले लेते हैं। इस तकनीक का इस्‍तेमाल कर बड़े से बड़े कंस्ट्रक्शन के काम को बहुत कम समय में पूरा किया जा सकता है।

पाइपलाइन से लेकर वायरिंग का काम भी पूरा

यह मशीन तीन आयामी (3डी) प्रिंट करता है। उदाहरण के तौर पर घर की दीवारों को एक साथ कई परतों में प्रिंट किया जाता है। प्रिंट के समय ही दीवार में पानी की पाइपलाइन और इलेक्ट्रिक वायरिंग का काम पूरा हो जाता है। घर में इस्‍तेमाल होने वाली अलग-अलग दीवारों, छत, विंडो आदि का निर्माण इस मशीन से बारी-बारी से किया जाता है।

इस तरह लागत 50 फीसदी कम होगी 

इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह घर की निर्माण लागत को कम कर देती है। 3डी प्रिंटर से घर के निर्माण करने में बिल्डिंग मैटिरियल्‍स की लागत में 30 से 50 फीसदी, निर्माण की अवधि में 50 से 70 फीसदी और लेबर कॉस्ट में 50 से 80 फीसदी तक की कमी आ जाती है। अगर देश में घरों की कमी को पूरा करना है तो यह मशीन बहुत ही उपयोगी साबित होगी।

क्‍या बने घर मजबूत होंगे?

3डी होम प्रिंटर से बने घर पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। इसकी वजह होती है कि घर के निर्माण से पहले उसका नक्शा कैड सॉफ्टवेयर के जरिए कंप्यूटर पर डिजाइन किया जाता है। इसलिए बिल्डिंग का स्ट्रक्चर में कोई खामी नहीं होती है। 3डी होम प्रिंटर में मैटिरियल्‍स का स्‍टैंडर्ड भी अच्छी गुणवत्ता का होता है, इसलिए इससे निकले हुए प्रोडक्ट में खामी होने के चांस बहुत ही कम होते हैं। इसलिए घर सुरक्षित और टिकाऊ होता है।

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