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Hindi News पैसा मेरा पैसा GST लागू होने के बाद घर खरीदने पर घटी है टैक्स देनदारी, 12% कर दिखाकर बिल्डर गुमराह नहीं कर सकते

GST लागू होने के बाद घर खरीदने पर घटी है टैक्स देनदारी, 12% कर दिखाकर बिल्डर गुमराह नहीं कर सकते

बिल्डर घर खरीदारों से पहली जुलाई के बाद GST में तय हुए 12% वर्क कॉन्ट्रेक्ट सर्विस टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स देनदारी की मांग कर रहे हैं जो सही नहीं है

GST लागू होने के बाद घर खरीदने पर घटी है टैक्स देनदारी, 12% कर दिखाकर बिल्डर गुमराह नहीं कर सकते- India TV Paisa GST लागू होने के बाद घर खरीदने पर घटी है टैक्स देनदारी, 12% कर दिखाकर बिल्डर गुमराह नहीं कर सकते

नई दिल्ली। देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू होने के बाद घर खरीदने पर टैक्स देनदारी बढ़ी नहीं है बल्कि उल्टे घटी है। कई बिल्डरों के खिलाफ ज्यादा टैक्स वसूलने की शिकायत के बाद सरकार की तरफ से इसको लेकर सफाई आई है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि GST लागू होने के बाद घर बनाने के सामान पर बिल्डरों की टैक्स देनदारी कम हुई है और उन्हें जो फायदा हुआ है उस फायदे को ग्राहकों के साथ बांटना होगा।

बिल्डरों के खिलाफ आई शिकायतें

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि बिल्डर घर खरीदारों से पहली जुलाई के बाद GST में तय हुए 12% वर्क कॉन्ट्रेक्ट सर्विस टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स मांग कर रहे हैं जो कि GST कानून के खिलाफ है। CBEC के मुताबिक पुरानी टैक्स व्यवस्था के मुकाबले GST टैक्स व्यवस्था में किसी फ्लैट, बिल्डिंग या कॉम्पलेक्स के निर्माण पर कम टैक्स लग रहा है।

पुरानी व्यवस्था में इस तरह था टैक्स

CBEC के मुताबिक पहले की व्यवस्था में कंस्ट्रक्शन मैटेरियल 12.5% सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगती थी, सीमेंट पर यह इससे भी ज्याद थी। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन मैटेरियल पर 12.5 फीसदी से लेकर 14.5 फीसदी तक वैट भी चुकाना पड़ता था। साथ में अलग-अलग राज्यों में कंस्ट्रक्शन मैटेलियल पर एंट्री टैक्स भी चुकाना पड़ता था। पुरानी व्यवस्था में इनपुट क्रेडिट का प्रावधान नहीं था ऐसे में बिल्डर इन सभी टैक्सों को घर की कीमत में मिला देता था। घर खरीदार को यह टैक्स नहीं बताए जाते थे क्योंकि बिल्डर इन सभी टैक्सों को अपनी लागत में शामिल करता था।

पहले सिर्फ सर्विस टैक्स के बारे में जानकारी दी जाती थी

पहले की व्यवस्था में बिल्डर 4.5 फीसदी सर्विस टैक्स और 1 फीसदी वैट बताकर ग्राहक को 5.5 फीसदी टैक्स बताता था, जिन राज्यों में वैट 2 फीसदी था वहां पर 6.5 फीसदी टैक्स बताया जाता था और लेकिन बिल्डर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और वैट की जानकारी नहीं बताकर उसे अपनी लागत में डालता था।

बिल्डरों को हो रहा है इनपुट क्रेडिट से लाभ

अब बिल्डर GST में तय हुए 12% वर्क कॉन्ट्रेक्ट सर्विस टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स मांग कर रहे हैं लेकिन साथ में कंस्ट्रक्शन मैटेरियल पर मिलने वाले इनपुट क्रेडिट का लाभ भी उठा रहे हैं और इसे कंस्ट्रक्शन की लागत में भी शामिल कर रहे हैं।

नियमों के खिलाफ जाने पर बिल्डर पर कार्रवाई

CBEC ने कहा है कि बिल्डरों को इनपुट क्रेडिट से जो फायदा हुआ है उस फायदे को ग्राहकों के साथ बांटना होगा। CBEC ने बिल्डरों को कहा है कि वह ग्राहकों से ज्यादा टैक्स की मांग नहीं करेंगे। अगर कोई बिल्डर ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

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