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स्मार्टफोन को अपनी भाषा में UPI पेमेंट करने के लिए जल्द कह सकेंगे, 'भाषिनी' करेगा मदद

नई सुविधा के जरिये वॉयस कमांड के जरिये बैंक बैलेंस की जांच, बी2बी ट्रांसफर, बिजली भुगतान और फास्टैग रिचार्ज सहित कई तरह के ट्रांजैक्शन की परमिशन मिलेगी।

भारत सरकार के समर्थन वाला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म- भाषिनी करेगा काम।- India TV Paisa Image Source : FILE भारत सरकार के समर्थन वाला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म- भाषिनी करेगा काम।

यूपीआई (UPI) से पेमेंट करने का अंदाज बदलने वाला है। बहुत जल्द आप अब अपने स्मार्टफोन को अपनी भाषा में यूपीआई पेमेंट (UPI payment) करने के लिए कह सकेंगे। दरअसल, भारत सरकार के समर्थन वाला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म- भाषिनी (Bhashini), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के भीतर वॉयस बेस्ड सर्विस शुरू करने के लिए तैयार है। इसका मकसद यूपीआई पेमेंट (UPI payment) को ज्यादा सुलभ और यूजर फ्रेंडली बनाना है।

वॉयस कमांड के जरिये ट्रांजैक्शन
खबर के मुताबिक, एनपीसीआई (NPCI) में ऐड हो रही इस नई सुविधा के जरिये यूजर्स को वॉयस कमांड के जरिये बैंक बैलेंस की जांच, बी2बी ट्रांसफर, बिजली भुगतान और फास्टैग रिचार्ज सहित कई तरह के ट्रांजैक्शन की परमिशन देगी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, भाषिनी के सीईओ अमिताभ नाग ने कहा कि हम डिजिटल और लिटरेसी गैप को पाटना चाहते हैं। हमारे लिए ट्रांजैक्शन को सुविधाजनक बनाना जरूरी है। नाग ने इस मकसद को हासिल करने में पीएम किसान योजना के लिए एनपीसीआई और किसान बॉट जैसी पहल के महत्व पर जोर दिया।

बता दें, यह पहल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की हेलो की अनाउंसमेंट के मुताबिक है। यूपीआई (UPI) का टारगेट ऐप्स, टेलीकॉम कॉल और आईओटी डिवाइस सहित अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वॉयस इनेबल यूपीआई पेमेंट (Voice Enabled UPI Payment) को सक्षम करना है। यूपीआई से ट्रांजैक्शन में लगातार तेजी का रुझान देखा गया है। 

क्या है भाषिनी 
यह भारत के एआई आधारित भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म (AI-driven language translation platform) के रूप में काम करता है, जिसे वॉयस आधारित इंटरैक्शन सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके अलावा, भाषिनी भारतीय एमएसएमई, स्टार्टअप और इनोवेटर्स द्वारा इस्तेमाल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) संसाधनों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने की कोशिश करती है।

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