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Hindi News पैसा मेरा पैसा इन 4 कारणों से आपका पर्सनल लोन का एप्लीकेशन हो सकता है रिजेक्ट, जानिए कैसे दूर करें ये परेशानी

इन 4 कारणों से आपका पर्सनल लोन का एप्लीकेशन हो सकता है रिजेक्ट, जानिए कैसे दूर करें ये परेशानी

जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करता है। ज्यादातर बैंक 750 से ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को लोन देना पसंद करते हैं।

पर्सनल लोन- India TV Paisa Image Source : FREEPIK पर्सनल लोन

त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बहुत सारे लोग त्योहारी खरीदारी करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं। ऐसे में संभव है कि आप भी पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हों। अगर आप लोन लेने का प्लान कर रहें हैं तो बैंक में एप्लीकेशन देने से पहले कुछ बातों की जानकारी जरूर ले लें। ऐसा नहीं करने पर आपके लोन का एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकता है। हम आपको वो 4 कारण बता रहे हैं, जिसके कारण बैंक लोन का आवेदन सबसे ज्यादा रिजेक्ट करते हैं। इनको ध्यान में रखकर आप आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं। 

1. खराब क्रेडिट स्कोर बड़ी बाधा

जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करता है। ज्यादातर बैंक 750 से ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को लोन देना पसंद करते हैं। अधिक क्रेडिट स्कोर का मतलब है कि व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है और उसे लोन देने में जोखिम कम है। वहीं कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को पर्सनल लोन देना ज़्यादा जोखिमभरा माना जाता है। कई बैंकों/ NBFC ने तो अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को कम ब्याज दर पर भी लोन ऑफर करना शुरू कर दिया है। इसलिए लोन आवेदन करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें, और अगर वो अच्छा नहीं है तो उसे बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। 

2. कम समय में कई बार लोन अप्लाई करना

पैसाबाजार के अन-सिक्योर्ड लोन के बिजनेस हेड, साहिल अरोड़ा ने बताया कि जब लोन पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर रहे होते है, तो वो अक्सर ये गलती है कि वो एक ही बार में कई बैंकों/ NBFC में आवेदन कर देते हैं। इसका उनके क्रेडिट स्कोर पर गलत प्रभाव पड़ता है। जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो क्रेडिट ब्यूरो से बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट मांगते हैं, इसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है। जब भी आपके लिए कोई हार्ड-इन्क्वायरी होती है तो आपका क्रेडिट स्कोर कुछ पॉइंट नीचे गिर जाता है। इन हार्ड-इन्क्वायरी की जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी दी जाती है, और कम समय में ज़्यादा हार्ड-इन्क्वायरी देखकर बैंक को लग सकता है कि आप किसी भी तरह लोन लेना चाहते हैं, जिसका आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर गलत असर पड़ता है, और इन सब के चलते आपका लोन आवेदक अस्वीकार भी हो सकता है।  

3. भुगतान क्षमता का आकलन जरूर करें 

बैंक उन लोगों को लोन देना पसंद करते हैं, जो अपनी इनकम का 50% से 55% तक ही कुल लोन ईएमआई (वर्तमान लोन और जिसके लिए आवेदक किया है उसकी ईएमआई मिलकर) में खर्च करते हैं। अगर आप पहले से ही किसी लोन का भुगतान कर रहे हैं, और आप जो लोन लेना चाहते हैं उसकी ईएमआई को मिलकर, कुल ईएमआई भुगतान में अगर आपकी इनकम का 50%-55% से ज़्यादा हिस्सा खर्च होगा, तो आपका लोन आवेदन अस्वीकार हो सकता है। अगर आप किसी ऐसी स्तिथि में हैं तो या तो अपने वर्तमान लोन का पहले भुगतान करें, या फिर आप जो लोन लेने वाले हैं उसकी भुगतान अवधि लम्बी चुनें ताकि आपकी ईएमआई राशि कम हो जाए। बता दें, लम्बी भुगतान अवधि चुनने से ईएमआई राशि तो कम हो जाएगी लेकिन कुल ब्याज भुगतान बढ़ जाएगा।

4. बार-बार नौकरी बदलने से बचें 

आप कहां नौकरी करते हैं, आपकी जॉब प्रोफाइल क्या है और कितने समय से नौकरी कर रहे हैं, बैंक लोन आवेदन का मुल्यांकन करते हुए आवेदक की इन सभी बातों पर ध्यान देते हैं। बैंक ये देखता चाहते हैं कि आपका जॉब रिकॉर्ड कितना स्थिर है। अगर आप बार-बार नौकरी बदलते हैं तो ये अस्थिरता की निशानी है, ऐसे आवेदकों को लोन देने में जोखिम ज़्यादा होता है। इसलिए अगर आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो कम समय के अंतराल पर अपनी नौकरी ना बदलें।  

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