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नई कर व्यवस्था के तहत यात्रा भत्ता पर आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं कर्मचारी: सीबीडीटी

2020-21 के बजट में नई कर आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है

<p>Income tax</p>- India TV Paisa Image Source : PTI Income tax

नई दिल्ली। सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं से प्राप्त यात्रा भत्ते पर आयकर से छूट का दावा करने की सुविधा दे दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके लिये आयकर नियमों में बदलाव किया है। सीबीडीटी द्वारा किये गये संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं। इन चुनिंदा मामलों में यात्रा या स्थानांतरण के मामले में आने-जाने के खर्च के लिये दिया गया भत्ता, यात्रा की अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिये दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है। इनके अलावा यदि नियोक्ता नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिये दिये जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है।

सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वाउचर (पेड) के माध्यम से मुफ्त भोजन और गैर-मादक पेय के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपये प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को आयकर की एक वैकल्पिक दर की पेशकश करते हुए नई कर आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया था। इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर से छूट मिलती है। जो व्यक्ति 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें पांच प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करना होगा। इसी तरह, पांच से 7.5 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये सालाना कमाने वालों पर 20 प्रतिशत, 12.5 रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान है। नई कर व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिये है, जो कुछ निर्दिष्ट कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं।

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